-कमलेश भारतीय प्रसिद्ध अभिनेता सतीश कौशिक द्वारा फाइनेंस व अभिनीत की गयी व राजेश ए बब्बर द्वारा निर्देशित हरियाणवी फिल्म -छोरियां, छोरों से कम नहीं नहीं होतीं को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से श्रेष्ठ फिल्म निर्देशक के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है । यह पुरस्कार उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने फिल्म पुरस्कार समारोह में राजेश ए बब्बर को प्रदान किया । उल्लेखनीय है कि इससे पहले पगड़ी-द ऑनर व सतरंगी हरियाणवी फ़िल्मों की कैटेगरी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं । इसके हीरो अनिरुद्ध दवे थे जबकि खुद सतीश कौशिक ने प्रभावशाली भूमिका अभिनीत की थी । विधि ने हीरोइन रश्भि सोमवंशी के बचपन की भूमिका निभाई थी और सिरसा के गौतम सौगात दादा के रूप में थे । टिक टाॅक गर्ल सोनाली फौगाट इसमें एस पी की भूमिका में थी और इसका एक विशेष शो हिसार के सिटी माल सिनेमा में रखा गया था जिसमें सतीश कौशिक सहित सारी टीम से राजेश ए बब्बर ने परिचित करवाया था । इस संबंध में निर्देशक राजेश ए बब्बर से बात की गयी तो उनसे सवाल पूछा कि क्या हरियाणवी फ़िल्मों का भविष्य उज्ज्वल लगता है ? इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल । बल्कि सतीश कौशिक और मैं इस पुरस्कार से प्रोत्साहित होकर इसका सिक्यूल यानी पार्ट टू बनाने पर विचार कर रहे हैं । यही नहीं यह भी योजना है कि हर साल एक हरियाणवी फिल्म बनाई जाये । हिसार के हमारे कलाकार यशपाल शर्मा की फिल्म दादा लखमी की रिलीज कब हो सकती है ? कुछ आइडिया? -सच में यशपाल शर्मा ने बड़ी प्यारी हरियाणवी फिल्म दादा लखमी बनाई है पूरे मन से हरियाणवी फ़िल्मों को स्थापित करने के लिए । बस कोरोना रुकावट बना हुआ था । अब आशा करते हैं कि जल्द ही हरियाणा में यशपाल रिलीज करेंगे । Post navigation एचएयू के विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रहा प्रतिभा निखारने का मौका : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज आप मुझे प्रेमचंद का साहित्यिक पुत्र कह सकते हैं: कमलेश भारतीय