मोहब्बत के आगे क्या ताज ,,,,?

-कमलेश भारतीय

अभी तक लोग मुगल ए आज़म के सलीम और अनारकली की फिल्मी कहानी को नहीं भूले पर सलीम को आखिर अपनी अनारकली को खोना ही पड़ा था । वह ताज ठुकराना चाहते भी ठुकरा न सका और अनारकली दम तोड़ गयी ।

अब नयी प्रेम कहानी कह रही है कि मोहब्बत के आगे ताज क्या चीज़ है ? क्या मायने रखता है तख्त और ताज मोहब्बत के आगे ?

यह कहानी है जापान की राजकुमारी माको की जिसने प्रेम मोहब्बत के लिए अपना राजकुमारी का ताज क़ुर्बान कर दिया और सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले केई कोमुरो के साथ बहुत सादा रस्मों से विवाह करवा लिया । उन्होंने जापान की जनता से माफी भी मांगी है यदि इस विवाद से कोई किस्म की ठेस पहुंची हो तो माफ कर दीजिए ।

माको ने अपनी शादी की वजह और राजकुमारी का ताज क़ुर्बान करने की बहुत शानदार व्याख्या सामने रखी है कि आपको यानी हम सबको जिंदगी एक बार ही मिलती है । इसलिए अपने दिल की सुनो और अपने जीवन साथी के रूप में उसे ही चुनो जोकि आपसे प्यार करता हो और आप उससे प्यार करते हों । कोमुरे मेरे लिए बहुमूल्य इंसान हैं । मैं उन्हें जीवन में सबसे ज्यादा महत्त्व देती हूं । मैं अपने साधारण परिवार वाले पति के साथ हर प्रकार से सहयोग करूंगी । हम यह अब दुनिया को बता सकते हैं कि हमने दिल की सुनी और वही की ।

कुछ साल पहले थ्री इडियट्स फिल्म ने भी मुख्य तौर पर यही संदेश दिया था कि दिल की सुनो और ऑल इज वेल कहो । इसके सुपरहिट होने का यही मूलमंत्र था -दिल की सुनो ।

माको ने एक बार दिल की सुनने और प्यार करने वाले को चुनने का संदेश दिया है । यह ऑनर किलिंग वालों के लिए भी चेतावनी है कि यदि युवा पीढ़ी एक दूसरे को पसंद करती है और विवाह कर शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहती है तो उसे ऐसा करने से रोकें नहीं । जापान की राजकुमारी शायद कोई बहुत अमीर राजकुमार से शादी कर इतनी खुशी न पाती जितना साधारण परिवार के अपने प्रेमी से शादी रचा कर खुशी पा सकी है और इसके लिए उसने तख्त ओ ताज भी छोड़ दिया ।

ऐ मोहब्बत जिंदाबाद । पर बड़ा संदेश यही कि इस दिल की सुनो और खुश रहोगे और यदि दुनिया की परवाह करते रहे तो दुख पाओगे । शाबाश माको जापान की राजकुमारी । शानदार संदेश और जीवन दर्शन देने के लिए ।
पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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