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वोटर लिस्ट में बढ़ती महिलाएं संसद में कब बढ़ेगी ?

महिलाओं का वोट 48%, फिर सीटें 14% ही क्‍यों? भारत की महिला मतदाता; एक ताकत है जिसे गिना जाना चाहिए। राजनीतिक दल कल्याणकारी योजनाओं और रियायतों के वादों के साथ…

केवल विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करना बिल्कुल भी बुद्धिमानी नहीं

हालाँकि, अंतरजातीय विवाह पर कानूनों का विचार सीधे तौर पर लोगों के स्वतंत्रता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार जैसे कई अधिकारों का उल्लंघन करता है। यदि कोई युगल अपने…

उदारता की बजाय पड़ोस में सजगता की जरूरत है

भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारों को रचनात्मक रूप से प्रचारित करके क्षेत्रीय राज्यों के साथ अपने सभ्यतागत संबंधों को और बेहतर बनाया जा सकता है। यह बदले में भारत…

क्या शिक्षक पात्रता परीक्षा अभ्यर्थियों के साथ सरकारी ठगी है ?

—-प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, बार-बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का शिक्षकों की भर्ती के अभाव में क्या औचित्य है? सच में ये बेरोजगार युवाओं…

बंद दरवाजों की बजाय माहवारी पर खुलकर चर्चा की जरूरत है.

माहवारी के दौरान महिलाओं को होने वाली कठिनाइयों और जैविक जटिलताओं को देखते हुए, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस तरह के विधेयक को जल्द पारित…

गीत-किस्सों के जरिये आदर्श और मूल्यों को बचाने की कोशिश में लगे मास्टर छोटूराम.

देश-विदेश में हज़ारों स्टेज कार्यक्रम दे चुके मास्टर छोटूराम हमारे देश के वीर-शहीदों जैसे शहीद भगतसिंह, सुभाष चद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, शहीद उद्यम सिंह के साथ-साथ अन्य सपूतों की…

लावारिस लाशें कहीं, और कहीं ताबूत

बदल गए दस्तूर’ को कोरोना-केंद्रित हिंदी का प्रथम दोहा-संग्रह माना जा सकता है। —-प्रियंका सौरभ , रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, -कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, कोरोना काल का सदुपयोग…

न्याय में देरी न्याय से वंचित होना है

आज के दिन सुप्रीम कोर्ट में 60,450 मामले लंबित है। उच्च न्यायालयों में 45,12,800 मामले लंबित हैं, जिनमें से 85% मामले पिछले 1 साल से लंबित हैं। 2,89,96000 से अधिक…

विश्व शांति के लिए बमों की बजाय समन्वयक विचारों पर बल देने की ज्यादा जरूरत

क्षेत्रीय परमाणु चुनौतियों के साथ-साथ साइबर सुरक्षा, आर्टिफ़िशियल इंटैलीजेंस और अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक हथियारों से पैदा हो रहे ख़तरों को भी समझा जाए. —-प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल…