थियेटर से ही रोज़गार चले , नहीं तो रंगकर्मी को आधी अधूरी लगती है जिंदगी : राहुल भुच्चर
–कमलेश भारतीय थियेटर से ही रोज़गार चले , नहीं तो रंगकर्मी को आधी अधूरी लगती है जिंदगी । थियेटर करके ही रंगकर्मी खुश होता है । दूसरे काम करने से…
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–कमलेश भारतीय थियेटर से ही रोज़गार चले , नहीं तो रंगकर्मी को आधी अधूरी लगती है जिंदगी । थियेटर करके ही रंगकर्मी खुश होता है । दूसरे काम करने से…
-कमलेश भारतीय मै अपने पूरे मन और प्राण से नाटक से जुड़ा हुआ हूं और इसी से ज़िन्दगी भर जुड़ा रहना चाहता हूं । यह कहना है नट सम्राट के…
–कमलेश भारतीय रंग आंगन नाट्योत्सव का छठा दिन बच्चों के और कठपुतली शो के नाम रहा । राजस्थान से आए अजीत भाट की टीम ने बच्चों को मोह लिया -पंचतंत्र…
-कमलेश भारतीय हिसार : आठवें रंग आंगन नाट्योत्सव की पांचवीं शाम पंजाब के अमृतसर से आई रंगटोली ‘दस्तक’ के नाम रही । इस रंगटोली ने दो नाटक प्रस्तुत किये -मोपांसा…