कमलेश भारतीय इस बार आईपीएल शारजाह मे हुई । कड़ी उस में लेकिन आईपीएल का मतलब पैसा तो कोई उमस भी न सताई खिलाड़ियों को । खेल अब मनोरंजन ज्यादा करता है । खास तौर पर क्रिकेट । दूसरे खेलों की चर्चा हुई ओलम्पिक में जब हाॅकी टीमों ने एक सी जगह बनाई । जहां पुरूष हाॅकी तो कांस्य पदक ले आई लेकिन लडकियां यह भी न पा सकीं । शुक्र है देश ने लड़कियों की टीम को सिर आंखों पर बिठाया । सारी हार का गम भुला दिया । नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में गोल्ड जीत कर इतिहास रच दिया । अब आईपीएल को तो कहते ही हैं -इंडियन पैसा लीग । पहले खिलाड़ियों की बोली लगती है । फिर मैच के अंदर या बाहर सट्टा । कुछ पकड़े जाते है और कुछ का केरियर तबाह हो जाता है । श्रीसंत का करियर खत्म हो गया जबकि बरी भी हो गया दाग से लेकिन टीम में जगह न मिली। इस बार भी ज्यादातर मैच मज़ेदार रहे और बिल्कुल क्लोज अंत होता रहा यानी रोमांच बना रहा । धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने सबसे पहले क्वालिफाइ किया और फिर मज़े में तीन मैच लगातार हारे । फिर आखिरी मैच जीता और टाॅप पर रहे । इधर सबसे दुर्भाग्यशाली रही दिल्ली जो अंत मे कोलकाता नाइट राइडर से हार गयी । अब फाइनल मुकाबला होगा और आईपीएल खत्म हो जायेगा । यानी आईपीएल का बुखार खत्म । चौके छक्के और रन आउट या कैच सब खत्म । विकेट चटखाना खत्म । सबसे ज्यादा बुरी तो बनी विराट कोहली के साथ जो क्वालिफाइ न कर पाये । सुना है आगे विराट कप्तान पद आईपीएल टीम का छोड़ने जा रहे हैं यानी हार के साथ विदाई हुई । पंजाब किंग्स भी ज्यादा खुशकिस्मत न रही और प्रीति ज़िंटा हर बार की तरह खाली रही । खैर । दीपावली से पहले आईपीएल के पटाखे छूट लेंगे। किस्मत का पता नहीं लेकिन कहते हैं धोनी किस्मत का धनी है और यह फाइनल उसका आखिरी मैच होगा । हर फार्मेट से संन्यास लेने जा रहा है । शायद मन में हो कि शानदार लम्बे करियर का अंत जीत के जश्न के साथ हो तो क्या ही अच्छा हो । अब यह तो फाइनल ही बताएगा कि फिनिशर का क्या अंत होता है ,,,,–पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation एचएयू वैज्ञानिकों ने पहली बार खोजी बाजरे की नई बीमारी उत्सव के दिन आए पर किसान कहां जाए ?