शांय छह बजे धरनास्थल से निकाला जाएगा कैंडल मार्च गुरुग्राम। दिनांक 11.10.2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 12 अक्टूबर को देश भर में शहीद किसान दिवस के रूप में मनाया जायेगा।तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों को पीछे से गाड़ियों से रौंदते हुए कुचल कर उनकी बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गई थी।जिसमें चार किसान और एक पत्रकार की मृत्यु हो गई थी।देश के सभी न्यायप्रिय नागरिकों से यह अपील है कि वह उस शाम को पांच शहीदों की याद में पांच मोमबत्ती अपने घर के बाहर जलाएं।उस दिन शाम को पूरे देश में मोमबत्ती मार्च/कैंडल मार्च आयोजित किए जाएँगे। गुरुग्राम में भी किसान धरना स्थल पर 12 अक्टूबर को शहीद किसान दिवस मनाया जाएगा और उसके बाद शांय छह बजे धरनास्थल से कैंडल मार्च किया जाएगा। लखीमपुर खीरी हत्याकांड भारत के किसान आंदोलन के इतिहास में एक दर्दनाक अध्याय की तरह याद किया जाएगा। अब तक सार्वजनिक हुए तमाम वीडियो के माध्यम से इस घटना का पूरा सच देश के सामने आ चुका है। यह स्पष्ट है कि यह घटना अचानक नहीं हुई। अपराधी छवि का खुद बखान करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने पहले एक समुदाय विशेष के किसानों को धमकी दी, फिर विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को उकसाने की कोशिश की, फिर उनके बेटे और उसके गुंडे गुर्गों ने प्रदर्शन से वापस जा रहे किसानों को पीछे से गाड़ी चलाकर रौंद दिया जिसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई। इस नृशंस हत्याकांड में संलिप्त लोगों के चेहरे भी अब देश के सामने बेनकाब होने लगे हैं। इस घटना ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों के चरित्र को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। इतने बड़े हत्याकांड और उसमें भाजपा नेताओं के संलिप्त होने के स्पष्ट प्रमाण होने के बावजूद भी भाजपा सरकार अपने नेताओं और गुंडों के खिलाफ कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है।यह स्पष्ट है कि इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सामने अपने पांव उखड़ते देखकर भाजपा अब हिंसा पर उतारु हो गई है।संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि हम इस हिंसा का जवाब शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक जन-आंदोलन के जरिए देंगे।इस हत्याकांड और सरकार द्वारा संतोषजनक कार्यवाही ना किए जाने के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। आज धरने में शामिल होने वालों में अनिल पंवार,हरी सिंह चौहान,फूल कुमार,पंजाब सिंह,जगमाल मलिक,योगेश्वर दहिया,मेजर एस एल प्रजापति,मनीष मक्कड़,तेजराज यादव,रिटायर्ड कमांडेंट सत्यवीर सिंह,सूबे सिंह यादव एडवोकेट,महेश पाल,श्यामबीर,डॉक्टर सारिका वर्मा,तनवीर अहमद,राजवीर सिंह,धर्मबीर झाड़सा,आकाशदीप,रणजय सिंह तथा अन्य व्यक्ति शामिल थे। Post navigation 1947 के विभाजन का दर्द – बुजुर्गों की जुबानी व्यूसती हैंडलूम फैशन शो गुड़गांव में