कमलेश भारतीय

आखिर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से उत्तर प्रदेश में मंत्री पुत्र आशीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया । गिरफ्तारी के लिए भी दो दिन घर के बाहर नोटिस चिपकाये गये और तब कहीं जाकर मंत्री महोदय ने बेटे को कहा कि पेश हो जाओ और वह पेश हो गया यानी अपनी शर्तों और समय अनुसार पेश हुआ मंत्री पुत्र । फिर योगी महाश्य कह रहे हैं कि हम दवाब में काम कोई काम नहीं करेंगे तो क्यों किया या करवाया गिरफ्तार मंत्री पुत्र को ? दलीलें तो खूब दीं लेकिन प्रमाण कोई नहीं पेश कर पाया आशीष शर्मा । इसलिए गिरफ्तारी की गयी । राकेश टिकैत ने कहा कि इस तरह गाड़ी चढ़ा देना किसानों पर यह किसी आतंकी हमले से कम नहीं । फिर ऐसा ही हमला किया गया हरियाणा में नारायणगढ़ के पास । पता नहीं क्या साम्यता है कि जो योगी उत्तर प्रदेश में करते हैं उसी को माॅडल मान हरियाणा में वैसे ही कदम उठाये जाते हैं ।

शुक्र है मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक सप्ताह बाद अपना लट्ठमार वाला बयान वापिस ले लिया । बड़ी फजीहत करवाने के बाद देर आए , दुरुस्त आए । इधर दीपेंद्र हुड्डा कह रहे हैं कि भाजपा अहंकार में डूबी पड़ी है । अहंकार ही इसे ले डूबेगा । यह तो भाजपा को चिंता करने की जरूरत है । भाजपा में नड्ढा की टीम से चौ बीरेंद्र सिंह और गांधी परिवार के वरूण गांधी बाहर कर दिये गये हैं । वजह किसान आंदोलन पर इन लोगों की बयानबाज़ी । दूसरे चौ वीरेंद्र सिंह तो इनेलो के सार्वजनिक कार्यक्रम यानी ताऊ देवीलाल गया तो पर भी पुष्षार्पित कर आये , फिल जगस।कैसे बचती ? जैसे कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है वैसे ही भाजपा में भी नहीं है । इससे यही संदेश निकलता है । कांग्रेस ने जी 23 समूह की आलोचना के बाद आखिरकार सोलह अक्तूबर को कार्यसमिति की बैठक बुला ली है । देखें जी 23 की क्या भूमिका सामने आती है ?

इधर बहुत मजेदार बयान दिया है हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने । बयान है कि अब नवजोत सिद्धू ने मौन व्रत खत्म किया और अनिल लिख का कहना है कि काश नवजोत सिद्धू सदा मौन ही रहें तो यह न केवल कांग्रेस बल्कि देश के लिए अच्छा होगा और मौन व्रत खोलते ही चन्नी पर बरसे कि यह कांग्रेस की 2022 के चुनाव में लुटिया डुबो देगा । सच है मौन व्रत ही जारी रखते ऐसी बयानबाज़ी से तो । अब सिद्धू प्रियंका गांधी या राहुल गांधी की पसंद न रहेंगे । कांग्रेस ने बहुत इंतज़ार कर लिया। अब कोई नया प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने की चर्चायें हैं ।
पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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