* कांडा का कर्ज उतारने में लगी बीजेपी
* कांडा के लिए बीजेपी ने नैतिकता को छोड़ा 
* भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा फिर हुआ उजागर

अशोक कुमार कौशिक 

इन दिनों देश और परदेश में कुछ युवाओं की चर्चाएं सुर्खियों में हैं। इनमें प्रियंका गांधी, राहुल गांधी,वरुण गांधी, आर्यन खान, ऐलनाबाद से भारतीय जनता पार्टी, जननायक जनता पार्टी और हरियाणा लोकहित पार्टी से   प्रत्याशी गोबिंद कांडा के साथ सबसे ज्यादा चर्चित हैं देश के केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टिनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू हैं। यूं तो सभी युवा रसूखदार घरानों से हैं इनके खानदानों की अपनी अपनी शानदार कहानियां हैं। तीनों गांधी, इंदिरा जी के परिवार से हैं। आर्यन के दादा जी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं पिता फिल्मी दुनियां के चहेते अदाकार शाहरुख खान हैं। गोविंद कांडा गोपाल कांडा के भाई है।

कभी नैतिकता के आधार पर हलोपा के विधायक गोपाल कांडा से समर्थन न लेने वाली बीजेपी ने आज उसी व्यक्ति के भाई को न सिर्फ ऐलनाबाद उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया बल्कि दोनों पार्टियों के नेता साथ-साथ नजर भी आ रहे हैं। न सिर्फ बीजेपी बल्कि जेजेपी के नेता भी कांडा भाईयों के साथ नजर आ रहे हैं । स्मरण रहे कि कांडा परिवार और चौटाला परिवार में सालों पुरानी राजनीतिक लड़ाई है। इस झगड़े में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में डंडे भी बरसाए जा चुके हैं, लेकिन कहते हैं न ये राजनीति है, यहां मुर्दे गाड़े नहीं जाते बल्कि वक्त आने पर उन्हें जिंदा किया जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को भी देखने को मिला जब ऐलनाबाद के संग्राम को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी, जननायक जनता पार्टी और हरियाणा लोकहित पार्टी, तीनों ने मिलकर कार्यकर्ताओं से जीत के लिए जोर लगाने का आह्वान किया।

 यहां ये उल्लेखनीय है कि, बीजेपी-जेजेपी की ओर से सिरसा से विधायक गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा को ऐलनाबाद उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा गया है। गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी है। शुक्रवार को सिरसा में तीनों पार्टियों ने संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और ऐलनाबाद उपचुनाव के प्रभारी सुभाष बराला, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमो गोपाल कांडा, ऐलनाबाद से भाजपा प्रत्याशी गोविंद कांडा, हिसार से विधायक कमल गुप्ता, भाजपा नेता अमरपाल राणा, आदित्य चौटाला और जेजेपी के नेता दिग्विजय चौटाला भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा से गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। जिसके बाद बीजेपी ने जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। वहीं गोपाल कांडा ने भी बीजेपी को समर्थन दिया था, लेकिन गोपाल कांडा के समर्थन की खबर आते ही बीजेपी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया था। बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने खुलेआम गोपाल कांडा का समर्थन लेने पर अपनी ही पार्टी का विरोध किया था।हालांकि बाद में भाजपा की तरफ से साफ किया गया कि गोपाल कांडा से समर्थन नहीं लिया गया। ये दीगर बात है कि गोपाल कांडा बीजेपी सरकार के समर्थन में ही रहते हैं और सरकार के खिलाफ कम ही बयान देते हैं । 

गोपाल कांडा का विरोध क्यों किया गया आपको ये भी बताते हैं। दरअसल, एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा और उनकी मां अनुराधा शर्मा की आत्महत्या के मामले में गोपाल कांडा आरोपित हैं। 5 अगस्त 2012 को एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एयरलाइंस में ही काम करती थी । इस मामले में हरियाणा के तत्कालीन मंत्री गोपाल कांडा व उनकी सहायक अरुणा चड्डा को दुष्कर्म, गर्भपात व प्रताड़ना का आरोपित बनाया गया था। कांडा पर आरोप था कि उन्होंने एयरहोस्टेस गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाया। अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने ही कांडा पर विभिन्न तरह के आरोप लगाए थे। इसमें शोषण और गलत इस्तेमाल प्रमुख था। इसके ठीक छह माह बाद गीतिका की मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा व अरुणा का नाम लिया था, जिसमें कहा गया था कि कांडा व चड्डा की तरफ से उन्हें धमकाया जा रहा है। पहले दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया, लेकिन जांच के बाद क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। पुलिस ने कहा था कि जब अनुराधा शर्मा ने आत्महत्या की थी, उस वक्त आरोपित न्यायिक हिरासत में थे । गीतिका की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके साथ हुई दरिंदगी की बातें सामने आई थीं । रिपोर्ट के मुताबिक, गीतिका के साथ अप्राकृतिक सेक्स किया जाता था। रिपोर्ट के मुताबिक मौत से 48-72 घंटे पहले भी गीतिका से शारीरिक संबंध बनाए गए थे। यह भी सामने आया था कि गीतिका कई बार प्रेगनेंट हुई थीं और बार-बार उनका अबॉर्शन कराया गया था ।

जब ये मामला सामने आया तब कांडा कांग्रेस की हुड्डा सरकार में मंत्री थे। इस मामले के सामने आने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद कांडा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। कई साल तक चले इस मामले में कांडा को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी  वहीं गोपाल कांडा ने साल 2014 में हरियाणा लोकहित नाम की पार्टी बनाई थी। इससे वह सिरसा से ही 2014 का विधानसभा चुनाव भी लड़े थे, लेकिन तब उन्हें इनेलो के मक्खन लाल सिंघल ने हरा दिया था। इससे पहले कांडा ने 2009 में भी विधानसभा चुनाव लड़ा था । तब वह सिरसा सीट से जीत भी गए थे। वहीं एक बार फिर 2019 के चुनाव में कांडा विधायक बने थे। बहरहाल 2019 में जहां बीजेपी ने नैतिकता की बात कहकर कांडा से समर्थन नहीं लिया वहीं अब ऐलनाबाद चुनाव में कांडा के भाई को ही उम्मीदवार बनाया और सभी नेता स्टेज पर भी साथ नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब राजनीतिक गलियारों में बीजेपी की नैतिकता पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं।

उपरोक्त इन सबसे बढ़कर रसूखदारों में अजय मिश्र के पुत्र आशीष हैं जो  किसानों के मुताबिक उन पर तेज रफ्तार थार गाड़ी चढ़ा कर पुलिस सुरक्षा में फायरिंग करते हुए भाग निकलते हैं। उनके पिता की हिम्मत देखिए वे फौरन झूठ गढ़कर पुत्र को इस गंभीर अपराध से बचाने सक्रिय हो जाते हैं। इस बीच आए वीडियो इस जुर्म की पुष्टि करते हैं। वे ये तो मानते हैं कि गाड़ी उनकी है।इस बीच उनकी गृहमंत्री की मदद  हेतु पहलकदमी जारी है लेकिन लगता है उत्तर प्रदेश में आगत विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस पर एक्शन होने की संभावना है ।  सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिए जाने के बाद उम्मीद है कि किसानों को धमकाने वाले इस रसूखदार मंत्री और पुत्र दोनों कटघरे में होंगे। किसानों ने कोर्ट पर भरोसा जताया है। मंत्री कम नहीं हैं ,ये बात वे खुद बा खुद सभा में  स्वीकार चुके हैं।

 इसी श्रंखला से जुड़ते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने जो मेनका गांधी के पुत्र हैं इस दर्दनाक घटना पर ट्वीट क्या कर दिया ,भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से दोनों का पत्ता कट गया। भाजपा के अंधे अनुशासन और सच कहने वाले को इस तरह बाहर कर दिया है जैसे उन्होंने राष्ट्र प्रमुखों की बेइज्जती कर दी हो। भाजपा ने इंदिरा परिवार से आए इस परिवार के अवदान और सहयोग को ये सिला दिया। यह एक उदाहरण है। आने पर ठकुरसुहाती और ज़रा भी विरोध करने पर अपच हो जाना इनकी विशेषता है । जबकि कांग्रेस के सदस्यों की दम से आज भाजपा है। जिनमें सत्तानुरागी अधिक हैं। विपरीत परिस्थितियों में इनकी भगदड़ कौन रोक पाएगा। बंगाल में ममता ने भाजपा की बुनियाद हिला दी है । भाजपा से निरंतर भगदड़ जारी है। बहरहाल वरुण गांधी उस परिवार से हैं जिनका त्याग, साहस और बलिदान  इतिहास में दर्ज है। हो सकता है वह लहू उफान मार गया हो। देखना यह होगा आगे वरुण गांधी क्या मोड़ लेते हैं ?

उनके दोनों भाई-बहिन लखीमपुर खीरी किसानों की हत्या  मामले से काफी उद्वेलित और परेशान रहे हैं। ख़ासतौर पर प्रियंका जो उसी दिन लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश करती रही है और रात्रि में सीतापुर नाके पर हिरासत ली जाती हैं । जहां बताया जाता है 144 नहीं लगी थी। वहां वे पुलिस अधिकारियों की बदसलूकी पर बेख़ौफ़ सवाल जवाब करती रहीं। उन्हें जबरिया सीतापुर गेस्ट हाउस में 30 घंटे रखा गया दूसरे दिन उनको शांतिभंग और 144 के उल्लंघन का दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया जाता है। वे वहां झाड़ू लगाकर प्रतिरोध दर्ज कराती हैं। बाद में बाहर खड़े अपने कार्यकर्ताओं को जो संदेश देती हैं वह ऐतिहासिक सम्बोधन बतौर देश भर में गूंजायमान होता है। अनजाने में ही सही भाजपा प्रियंका गांधी को यू पी का ही नहीं देश का बड़ा नेता बना देती है। उसके संघर्ष और चुनौतियों से मुकाबला की ताकत प्रियंका का कद बढ़ा देती है। राहुल भी बहिन की ज़िद का हवाला देते हैं और कहते हैं कि वह लखीमपुर-खीरी के मृत किसान परिवारों से बिना मिले नहीं जाएगी।

दूसरे दिन राहुल गांधी लखनऊ पहुंचते हैं उन्हें रोका जाता है लेकिन बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर कुछ शर्तों के साथ उन्हें अनुमति मिल जाती है वे पहले सीतापुर फिर लखीमपुर-खीरी पहुंचते हैं।किसान परिवारों के दुख में शामिल होते हैं। जिसे सरकार राजनीति कहकर मज़ाक उड़ाती है। वस्तुत: भाजपा की हालत अब ऐसी हो गई है वे अपने कार्यकर्त्ता की मौत पर भी शोकांजलि अर्पित नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वे किसी भी हालत में किसानों को श्रद्धांजलि देना अपनी तौहीन समझ रहे हैं। यहीं कारण है प्रधानमंत्री लखनऊ से जब तक चले नहीं जाते नेताओं को रोका गया। वे इस दुर्दांत घटना पर कुछ नहीं बोलते । बल्कि जनता को रामनवमीं पर 19 लाख दीप जलाने का आदेश देते हैं। असंवेदनशीलता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है।

और अंत में आर्यन खान की बात। अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर तीन हजार करोड़ की हेरोइन पकड़ी जाने से लोगों का ध्यान हटाने उत्तेजित एनसीबी ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में हिरासत में लिया। अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है  आर्यन रविवार को मुंबई से गोवा जा रहे जहाज मे चल रही रेव पार्टी में मौजूद थे, जहां से उन्हें एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। इस दौरान आर्यन के साथ 8 अन्य लोग भी एनसीबी की कस्टडी में हैं और सभी से पूछताछ की जा रही है। महाराष्ट्र के एक मंत्री ने सोशल मीडिया पर जो चित्र सार्वजनिक तौर दिखाए हैं उनमें भाजपा के दो नेता आर्यन को घसीटते हुए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिससे यह साफ ज़ाहिर हो जाता है कि यह जानबूझकर बनाया हुआ मामला है। पूरे महाराष्ट्र और फिल्म इंडस्ट्री में इस घटना को लेकर असंतोष व्याप्त है। अडानी का भंडाफोड़ ही लगता है आर्यन पर गाज बन कर गिराया गया है।

कुल मिलाकर इन तमाम घटनाक्रमों के गहन अध्ययन के बाद यह स्पष्ट होता है भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा लोगों की सजगता से अब खुलकर पूरी तरह उजागर होने लगा है। इनसे सतर्क और सावधान रहिए। विदाई के डर से भयभीत भाजपा अब आखिरी दांव-पेंच आजमाने के प्रयास में है। जबकि ऐलनाबाद और उत्तर प्रदेश में जनता उत्तर देने बेताब नज़र आ रही है।

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