लखीमपुर खीरी की घटना बेहद शर्मनाक

बीजेपी राज में देश प्रदेश के बिगड़े हालात:
मुख्यमंत्री का ब्यान अमर्यादित जनता से माँगे माफी : रजवन्त डहीनवाल

रेवाड़ी,दिनाँक 5 अक्टूबर 2021 – इनेलो प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा की लखीमपुर खीरी की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है जिस प्रकार से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी जीप से आन्दोलनकारी  किसानों को कुचलने का काम किया है वह बेहद निंदनीय है।  ऐसी घटनाओं से बार बार भारतीय जनता पार्टी का किसान विरोधी चेहरा सामने आया है। पहले तो बीजेपी सरकार ने इस आंदोलन को लठ की ताकत कुचलने की नाकाम कोशिश की थी । लेकिन वह किसानों के हौसले को नहीं तोड़ पायी। अब  उससे ऊपर चल कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्र ने जिस प्रकार से अपनी जीप से किसानों को कुचल कर मारने का काम किया है। इस घटना के बाद पूरे देश मे बीजेपी सरकार के प्रति आक्रोश बना हुआ है।  वही जब विपक्ष पार्टियों के नेता जब घटना स्थल पर जाकर किसानों का हाल जानना चाहते तो उनको भी रोकने का काम बीजेपी सरकार ने किया ताकि इस घटना को पहले की घटनाओं की तरह से दबाकर मामला रफा दफा किया जा सके।

आज देश प्रदेश के हालात बद से बदतर हो गए हैं कानून व्यवस्था का दिवालिया पिटा हुआ है। ऐसे कुकृत्य के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए और अपने बेटे को पुलिस के हवाले कर के जाँच में सहयोग करना चाहिए, ना कि अपने पद का दुरुपयोग कर के मामले दबाना चाहिए । इनेलो प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिस प्रकार से विवादित बयान दिया उससे प्रदेश का भाईचारा खराब हो सकता है। ऐसे पद पर बैठे व्यक्ति के लिए इस प्रकार की बयानबाजी करना बेहद शर्मनाक है । इस प्रकार की बयानबाजी से देश और प्रदेश के माहौल को खराब करने का करने की तैयारी कहीं जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। सीएम मनोहर लाल को अपने इस बयान पर किसानों के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश की जनता से भी माफी मांगनी चाहिए।

इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि 10 महीने से ज्यादा समय से किसान सड़कों पर बैठे हैं और 650 से ज्यादा किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी । उनके प्रति सरकार ने किसी प्रकार की संवेदना जाहिर तक नही की । यही नही 12 जनवरी से किसानों व सरकार के बीच कोई वार्ता नही हो ये दर्शा रहा है कि सरकार इस मामले में गंभीर नही है ।अब तो सरकार को किसानों से वार्ता करके इस आंदोलन को खत्म कराने चाहिए। इसके साथ ही बीजेपी मंत्रियों व नेताओं को किसानों पर अभद्र व बेबुनियाद टिप्पणी करने से बचना चाहिए । वरना देश व प्रदेश के ख़राब हालातों के जिम्मेदार सरकार स्वयँ होगी।

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