न्यायालय ने कहा कि आपको विरोध करने का अधिकार है, लेकिन आप दूसरों की संपत्ति को नष्ट नहीं कर सकते. अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को नई दिल्ली – कृषि कानून के विरोध में जंतर-मंतर पर धरने की इजाजत की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के सड़कों पर आंदोलन को लेकर नाराजगी जताई. न्यायालय ने कहा कि आपको विरोध करने का अधिकार है, लेकिन आप दूसरों की संपत्ति को नष्ट नहीं कर सकते. एक तरफ तो आपने पूरे शहर का गला घोंट दिया और अब अदालत से शहर में धरने की मांग कर रहे हैं. लोगों के भी अधिकार हैं. क्या आप न्यायिक व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं? आप हाइवे जाम करते हैं और फिर कहते हैं कि विरोध शांतिपूर्ण है. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि आप सुरक्षाकर्मियों को भी परेशान कर रहे हैं. नागरिकों का भी आने जाने का अधिकार है. एक बार आपने अपना मन बना लिया कोर्ट जाना है, तो विरोध की क्या जरूरत है? जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने याचिकाकर्ता की प्रति सरकार को देने को लिए कहा है. मामले में अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी. Post navigation कृषि मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात …… केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा व पंजाब में धान की खरीद 03 अक्तुबर से प्रारंभ किए जाने का निर्णय लिया गया