–कमलेश भारतीय साहब को इवेंट मैनेजमेंट बहुत पसंद है । यह बात अब खुला रहस्य बन चुकी है और सब जानने लगे हैं । अब उन्हें हर बात को भव्य बना देने का बहुत शौक है । अब आप देखिए अभी तो अमृत महोत्सव चल रहा है । यह तो एक साल का पूरा इवेंट दे दिया साहब ने । पहले अच्छे दिन आने वाले थे । वे कभी आए या नहीं कुछ पता नहीं । फिर उज्ज्वला योजना को इवेंट बनाया और रसोई गैस के दाम इतने बढ़ते गये कि रसोई गैस चूल्हा एक तरफ धर कर गरीब गृहणियों ने फिर चूल्हा जलाना शुरू कर दिया । दाम जिस तेज़ी से बढ़े उसका इवेंट विपक्ष ने मनाया । जगह जगह रसोई गैस के साथ प्रदर्शन करके । विपक्ष को भी साहब की कमज़ोरी पता चल गयी कि कोई न कोई इवेंट आयोजित करते रहो । इससे साहब बहुत खुश होते हैं । पेट्रोल डीज़ल के दामों का भी विरोध हुआ । बाकी सब्ज़ी भाजी का तो पता नहीं धीरे धीरे कौन से आसमान को छूने लगी । अब साहब विदेश से आने से पहले अपना जन्मदिन मना कर गये । खूब धमाल मचा । दे जन्मदिन पे जन्मदिन की बधाइयां । अभी विदेश से लौटने पर जो नज़ारा देखा एयरपोर्ट के बाहर दिल बाग बाग हो गया। साहब ने वहीं बैठे जो आदेश भेजे थे कि मेरा आना विरोधियों को पता चले और लो जे पी नड्ढा महोदय दिल्ली के सातों सांसदों और तीन तीन मित्रों को लेकर हाथ जोड़ कर स्वागत् में खड़े हो गये । क्या ढोल नगाड़े बजे कि सारे देश में पता चल गया कि साहब लौट आए हैं अमेरिका से । कितना कितना भव्य दृश्य था । काश पहले से पता होता तो मैं भी दौड़ा दौड़ा जाता । अब फिर कभी सही पर साहब के लौटने पर किसानों ने भी इवेंट मैनेजमेंट कर रखी है । आज भारत बंद का आह्वान कर रखा है । सुबह से ही रास्ते रोके जाने लगे हैं और चेतावनी आने लगी है कि बहुत जरूरी हो तभी सफर करें वरना टाल दें । साहब इनके बारे में विचार करने का समय निकालिए न कि किसानों का अमृत महोत्सव कभी आएगा ही नहीं? पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation ताऊ देवीलाल जैसी उम्मीद ,,,,? हिमालय कैफे और हमारी संस्कृति