जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी का नया कारनामा. शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री, हरियाणा सरकार सभी के लिए चुनौती. कॉलेज प्रशासन पत्र लिखने तक कि ही लक्ष्मण सीमा के अंदर. एसटीपी का गंदा पानी कॉलेज में न भरे, खेदी गई गहरी खाई फतह सिंह उजाला पटौदी । हरियाणा में बीजेपी नेतृत्व की गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक गढ़ पटौदी में विकास कार्य और सुविधाओं खूब ढोल बजाए जा रहे हैं। विकास और सुविधा का आम जनमानस को कितना लाभ हो रहा है , सबसे बड़ा सवाल यह है ? अभी तक तो आम लोगों के द्वारा सरकारी जमीनों पर कब्जे किए जाने की शिकायत और मामले सामने आते रहे हैैं। लेकिन अब एक ऐसा चौंकने वाला मामला सामने आया है , जोकि शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री, उच्चतर विभाग शिक्षा निदेशक, हरियाणा सरकार , स्थानीय एमएलए और सांसद सहित केंद्र में मंत्री के लिए भी चुनौती से कम नहीं है । जी हां चौंकिए मत , पटौैदी विधानसभा क्षेत्र के हेलीमंडी इलाके में एकमात्र राजकीय कॉलेज जटौली परिसर ही गहरी खाई खोद कर जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा सरेआम कब्जा कर लिया गया है और यह कब्जा भी कॉलेज परिसर में गहरी खाई खोद कर किया गया है । एक सरकारी विभाग के द्वारा दूसरे सरकारी विभाग के परिसर में इस प्रकार से कथित रूप से जबरदस्ती कब्जा किया जाने का हरियाणा प्रदेश में शायद यह पहला और अनोखा मामला सामने आया है । इस मामले में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता से जानकारी लेने के लिए फोन किया गया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला । इसलिए किया गया कब्जाराजकीय काले जाटोली के बराबर में ही हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन की जमीन पर एसटीपी बनाया गया है । इस एसटीपी को बनाने के लिए नगर पालिका प्रशासन के द्वारा कथित रूप से सशर्त जमीन सदन में प्रस्ताव पारित कर उपलब्ध करवाई गई थी । सूत्रों के मुताबिक राजकीय कालेज जाटोली के बगल में करीब 8 करोड रुपए की लागत से हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र की सीवरेज की समस्या के समाधान के लिए एसटीपी प्लांट तैयार किया गया। जो कि करीब 1 वर्ष पहले आरंभ किया जा चुका है। ऐसी भी चर्चा है कि हेली मंडी नगरपालिका के ही कुछ प्रभावशाली पार्षदों ने अपने राजनीतिक आका को खुश करने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग पर जबरदस्त दबाव डालकर इस एसटीपी प्लांट को आरंभ करवा कर वाहवाही लूट डाली, जिससे कि राजनीतिक आका को खुश किया जा सके। यहां क्या है गंभीर समस्याएसटीपी प्लांट को तैयार करके आरंभ तो किया जा चुका है , लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि यहां ट्रीटमेंट होने वाले पानी को आगे कहीं भी निकासी के लिए किसी भी प्रकार की ठोस और दीर्घकालिक योजना संबंधित विभाग और तकनीकी अधिकारियों के द्वारा बनाने की जरूरत ही नहीं समझी गई । क्योंकि कथित रूप से एसटीपी को जल्द से जल्द आरंभ कर राजनीतिक आका को खुश करने का दबाव बना हुआ था । बताया गया है कि एसटीपी परिसर के केवल एक साइड में ही दीवार बनाई गई है , बाकी तीन साइड दीवार नहीं बनाई गई । मामूली सी बरसात होने के बाद एसटीपी का पानी ट्रीटमेंट होने के बाद आगे कहीं भी निकालना संभव नहीं होने की वजह से एसटीपी परिसर में ही चारों तरफ तालाब नुमा मिट्टी की खुदाई करके पानी को एकत्रित किया जाने का काम किया जा रहा है। कॉलेज परिसर की गिरी दीवारजब एसटीपी के ट्रीटमेंट पानी की आगे निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है तो ऐसे में सबसे अधिक परेशानी एसटीपी के साथ बने राजकीय कालेज जाटोली प्रशासन के साथ-साथ छात्र वर्ग को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है । इतना ही नहीं यहां एसटीपी के जलभराव की वजह से कॉलेज परिसर की एक दीवार भी धराशाई हो चुकी है और कॉलेज परिसर में काफी दूर तक गंदा मल मूत्र युक्त बदबूदार पानी कोरोना की तीसरी लहर से पहले ही गंभीर प्रकार की बीमारियों को सरेआम न्योता भी देता दिखाई दे रहा है । कॉलेज परिसर में और अधिक आगे तक एसटीपी का गंदा पानी नहीं पहले इसके लिए कथित रूप से जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा कॉलेज परिसर में ही गहरी खाई खोद कर एक प्रकार से कथित अवैध कब्जा कर लिया गया है । जिससे कि जहां तक खाई खोदी गई है गंदा और मल मूत्र युक्त पानी उससे आगे नहीं जाने पाए । दीवार गिरने से कॉलेज प्रशासन और शिक्षा विभाग को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है । लिखे गए पत्र रद्दी की टोकरी मेंराजकीय कालेज जाटोली के बगल में बने एसटीपी प्लांट का गंदा पानी कॉलेज परिसर में भरने और यहां पर अनेक हरे भरे पेड़ों के गलने को लेकर जहां हरियाली सहित पर्यावरण पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वही कॉलेज परिसर की गिरी दीवार को लेकर राजकीय कॉलेज जाटोली प्रशासन के द्वारा जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को 6 मार्च 2020, 19 सितंबर 2020, 7 जनवरी 2021 और 14 अगस्त 2021 को नियमित अंतराल पर पत्र भेजकर समस्या के समाधान और कॉलेज परिसर का दूषित हो रहे वातावरण की तरफ बार-बार ध्यान दिलाया जा चुका है । 7 जनवरी 2021 को विभाग के अधिकारियों को लिखे गए पत्र में साफ साफ कहा गया है कि एसटीपी के जलभराव की वजह से कालेज परिसर की दीवार गिर चुकी है। और यहां कॉलेज परिसर में बदबू की वजह से पठन-पाठन का काम भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। बीमारियां फूटने की प्रबल आशंकाएक तरफ हरियाणा सरकार स्वास्थ्य विभाग मानसून के दौरान सीजनल बीमारी मलेरिया डेंगू वायरल जैसे रोगों के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाता आ रहा है वही जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की गंभीर लापरवाही की वजह से केवल मात्र कालेज परिसर में ही नहीं आसपास के इलाकों में भी बीमारियां फूटने की प्रबल आशंका बनी हुई है । अब देखना यह है कि जिस हिसाब से जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा राजकीय कालेज जाटोली परिसर में गहरी खाई खोज कर एसटीपी परिसर का कथित रूप से क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए जो अवैध कब्जा किया गया है । उसके ऊपर स्थानीय विधायक, पटौदी के एसडीएम, गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त, गुरुग्राम के डीसी आौैर हरियाणा क्या और कितनी जल्दी एक्शन लेकर इस गंभीर होती जा रही समस्या का समाधान करवाते हैं। Post navigation इनेलो का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सोहना में 9 को: सुखबीर हेलीमंडी पालिका सचिव का एससी- एसटी विरोधी चेहरा आया सामने