राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में अंचल नर्सिंग होम को स्वास्थ्य विभाग की जांच में ठहराया था दोषी
राज्य सूचना आयोग के दखल के बाद मिला आरटीआई का अधुरा जवाब, अब 3 सितंबर को होगी सुनवाई
बीपीएल परिवारों को स्वास्थ लाभ देने की सरकारी योजना में हुआ था अस्पताल में व्यापक भ्रष्टाचार

भिवानी, 28 अगस्त। पिछले पांच साल से उपायुक्त कार्यालय में निजी अस्पताल के खिलाफ सौंपी गई जांच रिपोर्ट ही फाइलों में दबा दी गई। पांच सालों तक अधिकारी जांच रिपोर्ट पर ही कुंडली जमाकर बैठे रहे। यह खुलासा आरटीआई के जवाब में हुआ है। राज्य सूचना आयोग के दखल के बाद ईएसआई अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय ने आरटीआई का जवाब दिया। जिसके जवाब से यह स्पष्ट हुआ कि शहर के दिनोद गेट स्थित अंचल नर्सिंग होम में 2015 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ था। जिसकी जांच रिपोर्ट भी ईएसआई के सिविल सर्जन कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय को भेजी गई थी। मगर उपायुक्त कार्यालय से इस जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित निजी अस्पताल संचालक पर कानूनी व विभागीय कार्रवाई होती, इससे पहले ही इसे दबा दिया।

 स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि 3 दिसंबर 2015 को सीएम विंडो में एक शिकायत लगाई गई थी। जिस पर 4 नवंबर 2016 को ईएसआई अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय से निजी अस्पताल को दोषी पाए जाने की जांच रिपोर्ट उपायुक्त को भेजी थी। बृजपाल सिंह परमार ने इस जांच रिपोर्ट के संबंध में 13 अक्तूबर 2020 को जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना उपायुक्त कार्यालय से मांगी थी। इस पर उपायुक्त कार्यालय से कोई सूचना नहीं मिली। इसके उपरांत 24 नवंबर को प्रथम अपील की गई। इस पर कोई जवाब नहीं मिला तो 22 फरवरी 2021 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष मामला पहुंचा। राज्य सूचना आयोग के दखल के बाद ईएसआई अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय ने जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराते हुए इस रिपोर्ट को 4 नवंबर 2016 को उपायुक्त के समक्ष भेजे जाने का खुलासा कर दिया। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि सूचना भी आधी अधूरी है, जिसकी सुनवाई अब 3 सितंबर को राज्य सूचना आयोग में होगी। उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल की जांच रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में बीपीएल परिवारों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजना में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ था। जांच रिपोर्ट में दोषी भी बताया गया, मगर आज तक उपायुक्त कार्यालय में ये जांच रिपोर्ट फाइलों में ही दबी रह गई। 

2015 में श्रम विभाग ने दूसरी जगह स्थानांतरित कर दी थी योजना

अंचल अस्पताल को जांच में दोषी पाए जाने के बाद श्रम विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को अप्रैल 2015 में अंचल अस्पताल से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया था। जिसके बाद इस अस्पताल में इस योजना का बीपीएल परिवारों का इलाज नहीं किया जा सकता था। 

पहले सरकारी योजना में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दी आयुष मान योजना

बृजपाल सिंह परमार का आरोप है कि अंचल अस्पताल में 2015 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है। इसके बावजूद अब इसी अस्पताल को स्वास्थ्य अधिकारियों की मिली भगत से आयुषमान भारत योजना का लाभ दिया गया है। इसी के साथ उपायुक्त द्वारा अंचल अस्पताल में नियमों को ताक पर रखकर कोविड केयर सेंटर भी दिया गया है। जिसके संबंध में संगठन के समक्ष काफी तथ्य मौजूद हैं, जिस पर संगठन अस्पताल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने के लिए भी कदम उठाएगा। 

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