पंचकूला। वरिष्ठ नागरिक परिषद पंचकूला द्वारा कला और संस्कृति विभाग, हरियाणा के सहयोग से स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए पचंकूला के सेक्टर 15 स्थित काउंसिल हॉल में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल मुख्य अतिथि रहे, जबकि हरियाणा कला और सांस्कृतिक मामलों के विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेश कुमार तथा  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन भारत भूषण भारती विशिष्ट अतिथि रहे। कुलभूषण गोयल ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने आयोजित को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए बधाई दी। कुलभूषण गोयल ने कहा कि हजारों कुर्बानियों के बाद आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

शाम-ए-गीत और गजल शीर्षक पर आधारित संगीत संध्या की शुरुआत एस.डी. शर्मा और इंजीनियर पीयूषा मित्रा ने देशभक्ति गीत- ’आंधेरों से सपनों का’ की, जिन्होंने ‘अगर हम कहें’ और ’कागज की कश्ती’ जैसी युगल गजलें भी पेश की। बाद में पीयूषा ने ‘मेरे हम नफास’ और मेरी अत्रिया प्रस्तुत की, जबकि एस.डी. शर्मा ने दर्शकों में उत्साह व उमंग भरने के लिए ‘जीयेंगे ताजा गुलाब बन के’, ‘ये कौन आ गई’, शिव बटालवी की नज़म-‘इक कुड़ी और बहुत सारी प्रस्तुतियां दी। इसके अलावा सुशील नागपाल ने ‘दो शर्मिले नैन’, ‘चुपके चुपके’ और ‘अपने हाथों की’ तीन हिट गजलें प्रस्तुत कीं। डॉ कोमल राजदेव ने ‘दिल में इक लहर सी..’ जैसे पुराने हिंदी गीतों और गजलों का मिश्रण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन ‘सौण दा महीना यारो’ के साथ हुआ।

सुप्रसिद्ध उस्ताद आरडी कैली ने भक्ति गीत ‘दीनन दुख हरन देव’, एक ठुमरी-‘ना जाइयो रे’, ‘हाथ में लेके मेरा हाथ’, शिकवा नहीं करते से रोमांटिक गीत ‘ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर’ और ‘चि_ी ना कोई संदेस’ गाकर समा बांधा। परिषद के महासचिव अशोक गुप्ता ने कलाकारों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया जबकि परिषद के अध्यक्ष आरपी मल्होत्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

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