कुवि के इतिहास से रूबरू होने के लिए पूर्व छात्र मंच से बेहतर नहीं कोई विकल्प : मनोहर लाल।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एल्यूमनी एसोसिएशन द्वारा ऑनलाईन/ऑफलाईन एल्यूमनी मीट प्रतिस्मृति: पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021 कार्यक्रम आयोजित। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 19 अगस्त :- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने एल्यूमनी मीट का आयोजन करके पुरातन छात्रों को एक मंच पर लाने का सफल प्रयास किया इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। कुवि ने अपनी स्थापना से लेकर पिछले 65 वर्षो में शिक्षा के हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। शिक्षा को हर वर्ग और हर क्षेत्र में पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम् योगदान रहा है। इसका श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों को जाता है। वे गुरूवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एल्यूमनी एसोसिएशन द्वारा आयोजित एल्यूमनी मीट प्रतिस्मृति : पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021’ के अवसर पर ‘बतौर मुख्यातिथि आनलाईन बोल रहे थे। इससे पहले सरस्वती वंदना व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ हुआ। पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय की लघु फिल्म भी दिखाई गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय स्पोर्टस हॉल का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत् केजी-टू-पीजी स्कीम को भी लांच किया। इसके साथ ही उन्होंने कुवि में नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए चलाए जाने वाले जापानी भाषा के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स, बीबीए आनर्स तथा एमटैक डिफेंस टेक्नोलॉजी कोर्स को लांच किया तथा आजादी के अमृत महोत्सव के लिए जिंगल को लांच किया तथा मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जापानी भाषा के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स में प्रथम विद्यार्थी के रूप में दाखिला लेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एल्यूमनी एसोसिएशन द्वारा तैयार की गई स्मारिका का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृष्ण भगवान सबसे बड़े शिक्षक हैं व अर्जुन सबसे बड़ा शिष्य है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह गर्व व गौरव की बात है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना 11 जनवरी 1956 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति माननीय डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी। इस शिक्षा के विराट मंदिर का इतिहास अपने आप में अतुलनीय है। इस यात्रा में ग्रामीण परिवेश, महिला शक्ति, शोषित व वंचित वर्ग को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने के लिए शिक्षा के माध्यम से इस विश्वविद्यालय ने अग्रणी भूमिका निभाई है। समय के साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने बहु-विषयक संस्थान के रूप में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। हरियाणा की पहली ए-प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी बनकर कुवि ने हरियाणा राज्य में सर्वमान्य ख्याति पाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इतिहास से रूबरू होने के लिए पूर्व छात्र मंच से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता है। उन्होंने एलुमनाई मीट के इस विचार की सराहना की जो छात्रों के बीच एक विशेष संबंध बनाता है विशेषकर उनके बीच जो विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर खुद को बाहरी दुनिया में अच्छे से स्थापित कर चुके हैं। एलुमनाई मीट आपके लिए एक सही मंच है जो आपके साथियों और शिक्षकों से मिलने का मौका देता है ताकि आप निर्जीव हो चुके संपर्कों को पुनर्जीवित कर सकें तथा अपने संस्थान की उन्नति व विकास में सहयोग कर सकें। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय व संस्थान अपने एल्यूमनी के सहयोग से उन्नति के शिखर पर पहुंचे हैं। यूएसए की 273 साल पुरानी प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी 155 देशों में अपने एल्यूमनी नेटवर्क के साथ सफलता के शिखर को छू रही है। यहां के लगभग 26 हजार एल्यूमनाई नियमित रूप से पुरातन छात्रों के मंच पर उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। 1891 में स्थापित स्नेडफोर्ड विश्वविद्यालय की स्थापना में उनके एल्युमनाई का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। 1636 में स्थापित हॉवर्ड विश्वविद्यालय भी अपनी दमदार एल्युमनाई एसोसिएशन के साथ विश्व में परचम लहरा रहा है। 1764 में स्थापित ब्राउन यूनिवर्सिटी और हॉस्टन स्थित राइस यूनिवर्सिटी, दरहम स्थित ड्यूक यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क की कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो व वाशिंगटन और कॉरनेल यूनिवर्सिटी अपने मजबूत एल्युमनाई के दम पर आर्थिक व शैक्षणिक रूप से मजबूत है। भारत में भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, एफएमएस दिल्ली प्रबंधन अध्ययन संकाय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल (आईबीएस) हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिलचर असम,सिम्बायोसिस संस्थान पुणे आदि अनेक विश्वविद्यालय व संस्थान अपने एल्यूमनाई के दम पर आर्थिक व शैक्षणिक दम पर मजबूत है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हर उच्च गुणवत्तापरक शिक्षण संस्थान की प्रसिद्धि न केवल अपने प्रशासन और शिक्षण कर्मचारियों पर निर्भर करती है बल्कि इसके छात्रों की उपलब्धियों और विकास पर भी निर्भर करती है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र न केवल राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्था का हिस्सा है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जोरदार उपस्थिति से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व हरियाणा का परचम फहरा रहे हैं। हमारा उद्देश्य कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्रों को ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा के छात्रों को विश्व के मानचित्र पर अच्छे नागरिक बनाना है। हमारा मुख्य सरोकार यह है कि हमारे विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने के बाद आत्मनिर्भर बनें, स्वावलम्बी बनें, उनमें अच्छे चरित्र का निर्माण हो तथा वो दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें। हमारे विद्यार्थियों को सभी जगह सम्मान मिलें व विद्यार्थी सहानुभूति, प्रेम, सहिष्णुता, ईमानदारी और सब से ऊपर मानवता के गुण पैदा करने में सक्षम हों। उन्होंने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसम्बर 2019 में मन की बात कार्यक्रम के दौरान बताया था कि एल्यूमनी किसी भी संस्थान को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट ने पूरे देश एवं दुनिया को सोचने एवं चिंतन करने के लिए मजबूर कर दिया है। वर्तमान में पूरे विश्व तथा भारत में जो परिस्थितियाँ हैं उससे आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र उभर कर सामने आता है। आपदा को अवसर के रूप में बदलने की भारत की ये संकल्पमय दृष्टि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के लिए प्रभावी सिद्ध होने वाली हैं। आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने पूरी तरह बदल गए हैं। ग्लोबल वर्ल्ड में आत्मनिर्भरता की परिभाषा भी बदल रही है। स्वदेशी आत्मनिर्भरता का मूल आधार है। इसका प्रयोग करके भारतीय जन-मानस इस संक्रमण काल से लड़ रहा है। भारत के अंदर एक अच्छा विकास मॉडल है और वह है स्वदेशी। स्वदेशी मॉडल से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे वहीं हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। मुख्यमत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार भारत ने योग के माध्यम से पूरे विश्व को निरोग बनाने का जो मूलमंत्र दिया है उसी प्रकार आत्मनिर्भर संकल्प के माध्यम से हम स्वदेशी को वैश्वीकरण के साथ जोड़कर नये आयाम स्थापित कर सकते हैं। भारत के लोगों में विपरीत परिस्थितियों में लड़ने की जो ताकत है, वह अमिट है। कोरोना के संकट में समाजसेवी संस्थाओं ने जिस प्रकार समाज सेवा कर अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है वह अपने आप में हम सभी के लिए अनुकरणीय है। इसी तरह हमारी भावी पीढ़ी के लिए कोरोना काल में शिक्षा का संकट न हो हमारे शिक्षकों ने कम आधारभूत ढांचे के बावजूद भी ऑनलाईन शिक्षा के माध्यम से छात्रों के जीवन में प्रकाश भरने का कार्य किया है। मुझे यह जानकर और भी प्रसन्नता और गर्व की अनुभूति हो रही है कि कठिन समय में भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं समय पर हो रही हैं व उनके परिणाम समय पर घोषित हो रहें हैं जिससे विद्यार्थियों को लाभ हो रहा है। वर्तमान के यही विद्यार्थी भविष्य के एल्यूमनी बनकर संस्थान के विकास में एक मजबूत भावना के साथ सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जिस सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा के प्रति जो निर्णय लिया है, उससे पूरे देश में शिक्षा के भविष्य को लेकर खुशी की लहर आई है। भारत अपनी शिक्षा और ज्ञान से फिर विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी। मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत विश्व का पहला ऐसा देश होगा जो शिक्षा के क्षेत्र में नई नीति से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा कर रोजगार की नई संभावनाओं के अवसर पैदा करेगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने हरियाणा के राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय का इस आयोजन के लिए अपने संदेश के माध्यम से दिए गए आशीर्वाद के लिए धन्यवाद किया। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है आज इस कार्यक्रम में हमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सानिध्य प्राप्त हुआ है। कुलपति ने कहा कि पूर्व छात्र हमारी अमूल्य धरोहर है। 1956 में कुवि की स्थापना एक संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में हुई थी। समय के साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने बहु-विषयक संस्थान के रूप में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। हरियाणा की पहली ए-प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी बनकर कुवि ने हरियाणा राज्य में सर्वमान्य ख्याति पाई है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे पुरातन छात्र कुवि के ध्वजवाहक है। हमें अपने पुरातन छात्रों पर गर्व है। किसी भी संस्थान के विकास और गुणवत्ता प्रचार में पुरातन छात्रों का अहम योगदान होता है। आगे भी विश्वविद्यालय की परियोजनाओं में पुरातन छात्रों का अनुभव व सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने ओलम्पियन व कुवि एल्यूमनी सुरेन्द्र पालड़ को ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी। सीबीएलयू भिवानी के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने एल्यूमनी मीट कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति व उनकी पूरी टीम को बधाई दी। कुवि एल्यूमनी एसोसिएशन की प्रेजीडेंट व डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी ने एल्यूमनी एसोसिएशन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पुरातन छात्रों को एक मंच देना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। पुरातन छात्रों के सहयोग से हम मिलकर विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास में निरन्तर योगदान कर सकते हैं। कुवि एल्यूमनी एसोसिएशन के निदेशक प्रो. अनिल मित्तल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व सभी आए हुए मेहमानों, पूर्व छात्रों, मीडिया बंधुओं व देश-विदेश से ऑनलाईन जुडे हुए पूर्व छात्रों का धन्यवाद प्रकट किया। मंच का संचालन डॉ. विवेक चावला ने किया। इस मौके पर सीबीएलयू भिवानी के कुलपति व कुवि एल्यूमनी प्रो. आरके मित्तल, कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. अनिल वशिष्ठ, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, एल्यूमनी एसोसिएशन के वाईस प्रेजीडेंट उपेन्द्र सिंघल, कुवि एल्यूमनी अर्जुन अवार्डी डॉ. दलेल सिंह, द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर, आईएएस एसएस फुलिया, पद्मश्री ममता सौदा, मारकंडा नेशनल कालेज शाहबाद मारकंडा के प्रिंसीपल डॉ. अशोक चौधरी, प्रो. प्रदीप कुमार, उप-निदेशक डॉ. कंवल गर्ग, सौरभ चौधरी, प्रो. संजीव अग्रवाल, एनआईसी हरियाणा के उप-निदेशक दीपक बंसल सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी व पूर्व छात्र मौजूद रहे। एल्यूमनी मीट कार्यक्रम में ऑनलाईन जुडे़ बडी संख्या में कुवि एल्यूमनी। कुवि एल्यूमनी एसोसिएशन के निदेशक प्रो. अनिल मित्तल ने बताया कि इस एल्यूमनी मीट कार्यक्रम प्रतिस्मृति : पूर्व छात्र। पुनर्मिलन 2021 में हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह, कुरुक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा, यूनाईटेड नेशन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम एंड नोबल शान्ति पुरस्कार 2020 प्राप्त बिशु परजुली, एनबीए के चैयरमेन तथा पूर्व कुलपति प्रो. केके अग्रवाल, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल खेतरपाल तथा मीनाक्षी, संबलपुर यूनिवर्सिटी उडीसा के कुलपति डॉ. संजीव मित्तल, आईओआरए, मिनिस्ट्री आफ एक्सटर्नल अफेयर्स प्रो. वीएन अत्री, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चडीगढ़ के निदेशक प्रो. बलदेव सेतिया, आईटीबी पुलिस बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल एसएस देसवाल, आईसी कम्बोज, लंदन रेडियो के रवि शर्मा, एमडीयू रोहतक के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, आईजीयू मीरपुर रेवाडी के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र गक्खड़, वाईएमसीए फरीदाबाद के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, सीडीएलयू सिरसा के कुलपति प्रो. अजमेर मलिक, श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रो. बलदेव कुमार सहित काफी संख्या में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र जुडे रहे। पूर्व छात्रों ने दिया कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एल्यूमनी एसोसिएशन के लिए अनुदान। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र टैक्सास यूएसए से अमिताभ गुप्ता ने कुवि के हिन्दी विभाग के लिए 15 लाख रूपये, डॉ. वीएन अत्री ने 10 लाख रूपये, विधायक सुभाष सुधा ने 5लाख रूपये, नई दिल्ली से वीना मिश्रा ने 6 लाख रूपये, मालदीव से करण यादव ने गुरू दक्षिणा के रूप में 2 लाख, आरकेएसडी कालेज में कार्यरत शिक्षिका डॉ. शिल्पा अग्रवाल ने 1लाख रूपये देने की घोषणा की। Post navigation हरियाणा सरकार द्वारा ‘गोरखधंधा’ शब्द पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का स्वागत गृह स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की तबीयत खराब आज विधानसभा की कार्यवाही में नहीं लेंगे हिस्सा