-फर्जी एनओसी मामले में जूई पुलिस थाना में दर्ज है डीईओ के खिलाफ धोखाधड़ी का केस
-20 अगस्त को स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार रखेंगे जांच में तथ्य

भिवानी, 17 अगस्त। गांव आसलवास मरहेटा के एक निजी स्कूल में फर्जी फायर एनओसी के आधार पर मान्यता लेने संबंधी मामले में फंसे जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह के खिलाफ जूईकलां पुलिस थाना में 17 दिसंबर 2020 को धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने इसी मामले में शिक्षा निदेशालय को 28 दिसंबर 2020 को जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की शिकायत दी थी। जिसकी जांच अब भिवानी के एसडीएम को सौंपी गई है।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि गांव आसलवास मरहेटा स्थित एक निजी स्कूल ने फायर विभाग की फर्जी एनओसी तैयार कर नौंवी से 12वीं तक की शिक्षा निदेशालय से मान्यता हासिल कर ली थी। इस मामले में भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह की भूमिका भी संदेहास्पद रही थी। जिला दमकल अधिकारी के पत्र के बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने फर्जी एनओसी पर न तो कोई संज्ञान लिया और न ही संबंधित विद्यालय की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी। जिसके बाद स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में मामले की याचिका लगाई। हाई कोर्ट ने संबंधित विद्यालय की प्रबंध समिति सदस्यों सहित जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश पर जूईकलां पुलिस थाना में 17 दिसंबर को जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था।

बृजपाल सिंह ने बताया कि डीईओ अजीत सिंह के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज होने के बाद शिक्षा निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की शिकायत दी गई थी। इसी शिकायत की जांच भिवानी एसडीएम को सौंपी गई है। एसडीएम द्वारा 20 अगस्त को संगठन से भी जांच में शामिल होने और तथ्य रखने के लिए पेश होने के निर्देश दिए हैं।

error: Content is protected !!