दक्षिणी हरियाणा में एक नए नेता का आगाज। 
दक्षिण हरियाणा से लेकर बांगर तक बीजेपी में हलचल।
क्या राव इंद्रजीत का विकल्प तलाश रही है भाजपा ?
राव इंद्रजीत ने जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने की नही दी है अभी सहमति
दक्षिण हरियाणा में केंद्रीय मंत्री भूपेंदर यादव का सम्मान समारोह, दो दिन चलेगा समारोह ।
अब अहीरवाल के राजनीतिक जंगल की सैर करेंगे भाजपा के ‘सर्कसी शेर’।
विरोधियों की राव को कमजोर करने के लिए भूपेंद्र यादव के दम पर अहीरवाल में पैठ बनाने की कवायद शुरू ।
भाजपा में जनाधार विहीन नेताओं को मिल रही ज्यादा तवज्जो ।
वेट एंड वॉच की पॉलिसी पर चल रहे राव इंद्रजीत सिंह समर्थकों को राव के पलटवार का बेसब्री से इंतजार

अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल । गुरुग्राम से लेकर नारनौल तक पूरे अहीरवाल क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले अहीरवाल के दिग्गज नेता राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक सितारे क्या इस समय प्रतिकूल नजर आ रहे हैं? इस क्षेत्र में “राव राजा” के व्यापक प्रभाव के दम पर प्रदेश में दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली भाजपा ने अब उन्हें पूरी तरह साइडलाइन करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। राव का विकल्प तैयार करने के लिए भूपेंद्र यादव को पार्टी ने तुरप के इक्के के रूप में इस्तेमाल करने की व्यूह रचना तैयार की है। भाजपा का राव विरोधी खेमा 17 अगस्त को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के अहीरवाल आगमन के दौरान पूरी ताकत के साथ पार्टी हाईकमान को यह संदेश देने की तैयारी में जुट गया है कि राव इंद्रजीत के बिना भी अहीरवाल में पार्टी अपना मजबूत जनाधार स्थापित कर सकती है। भूपेंद्र यादव के इस दौरे को अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह का मजबूत विकल्प तैयार करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसे लेकर अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी भाजपा खेमे की ओर से पूरे उत्साह के साथ तैयारियां की जा रही हैं, जबकि राव समर्थक पार्टी की इस तरह की रणनीति को लेकर असहज बने हुए हैं। भूपेंद्र यादव के अहीरवाल दौरे को सफल बनाने की जिम्मेदारी अधिकांश ऐसे भाजपा नेताओं के कंधों पर है, जिनके हाथ जनाधार के नाम पर पूरी तरह खाली हैं। भाजपा ने एक तरह से ‘सर्कस के शेरों’ को अहीरवाल के जंगल की सैर कराने के लिए खुला छोड़ने का काम किया है। इस मामले में राव इंद्रजीत सिंह वेट एंड वॉच की स्थिति पर काम करते हुए पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि उनके समर्थक भाजपा में हो रही जबरदस्त उपेक्षा को लेकर उनके पलटवार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

आगामी 16 से 20 अगस्त तक पांच दिन दक्षिण हरियाणा व राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने वाले होंगे। दोनों राज्यों की अहीरवाल बेल्ट में ही नहीं बल्कि अजमेर तक केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के अभूतपूर्व अभिनंदन की राजनीतिक पिच तैयार है। पांच दिन में एक दर्जन से अधिक जनसभाओं के अलावा लगभग सौ जगह भव्य स्वागत होगा। इस बीच दक्षिण हरियाणा के साथ राजस्थान में भी राजनीतिक हलचल तेज है और इसमें और इजाफा होने के आसार हैं।

टीम भाजपा को केंद्रीय मंत्री के दौरे की कमान सौंप दी गई है। भूपेंद्र यादव दोहरी भूमिका में हैं। कहीं बैटिंग करनी है तो कहीं गेंदबाजी। प्रत्यक्ष में देखें तो केंद्रीय मंत्री का ओहदा मिलने के बाद यह भूपेंद्र यादव का अपने गृह राज्य हरियाणा के गुरुग्राम और कर्मभूमि राजस्थान में सामान्य अभिनंदन है, मगर रूट मैप बड़ा राजनीतिक संदेश दे रहा है।

प्रत्यक्ष में यह पिच मैत्री मैच के लिए है, मगर इसमें बाहरी खिलाड़ियों (विपक्ष) की कोई खास भूमिका नहीं है। यह मैत्री मैच भाजपा की ही खास टीमों के बीच होने जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भूपेंद्र अपने आलराउंडर खेल से कहां कितने रन बटोरते हैं और कहां किसे अपनी गेंदबाजी से परेशान करते हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को यह बात अच्छी तरह से मालूम है कि अगर गत विधानसभा चुनावों में अगर जनता का साथ उसे नहीं मिलता, तो प्रदेश में दूसरी बार उसके लिए सत्ता की राह मुमकिन नहीं थी। अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा को मिली बड़ी सफलता के कारण ही सीएम मनोहर लाल दूसरी बार प्रदेश के सीएम बने।

अहीरवाल की कुछ सीटों को छोड़कर शेष पर भाजपा की जीत के पीछे राव इंद्रजीत सिंह की बड़ी भूमिका रही थी। प्रदेश में व्यक्तिगत जनाधार के मामले में चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाद राव इंद्रजीत सिंह दूसरे सबसे कद्दावर नेता माने जाते हैं। खासकर अहीरवाल क्षेत्र में उनका व्यक्तिगत जनाधार काफी मजबूत है। उनके इस जनाधार को चुनौती देने के लिए अभी तक इस क्षेत्र में दूसरा कोई नेता उभरकर सामने नहीं आया है। राव के समर्थक सिर्फ और सिर्फ उनके साथ ही जुड़े रहते हैं। उन्हें किसी पार्टी से कोई मतलब नहीं होता। अपने व्यक्तिगत जनाधार के कारण राव राजा अहीरवाल क्षेत्र में अगर अपने किसी समर्थक को जिता नहीं पाते, तो किसी भी सीट पर विरोधी को हराने का माद्दा अवश्य रखते हैं। यही कारण है कि अधिकांश सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने वाले नेता राव का आशीर्वाद हासिल करने का पूरा प्रयास करते हैं। क्षेत्र में राव की नाराजगी के शिकार कई नेता तो टिकट का रास्ता साफ होने के बावजूद चुनाव लड़ने से इंकार कर देते हैं।

केंद्रीय मंत्री 16 अगस्त को सबसे पहले हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम के अपने पैतृक गांव जमालपुर पहुंचेंगे। यहां बड़ी जनसभा होगी। कई बड़े नेताओं के आने की संभावना है। इसी दिन मानेसर के सेक्टर एक में भी जनसभा है। विधायक सत्यप्रकाश जरावता इसके संयोजक हैं। अगले दिन 17 अगस्त को केंद्रीय मंत्री रेवाड़ी व महेद्रगढ़ जिले के दौरे पर रहेंगे। रूट संयोजक महेश चौहान के अनुसार गुरुग्राम, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले में लगभग 60 स्थानों पर स्वागत कार्यक्रम होंगे। राजस्थान में प्रवेश से पूर्व 17 को नांगलचौधरी के गांव गोदबलाहा में जनसभा होगी। इसकी कमान विधायक डा. अभय सिंह यादव के पास रहेगी। रेवाड़ी जिले में मसानी में जनसभा होगी। इसकी कमान हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव को सौंपी गई है। सभी जगह की जनसभाओं के आयोजक राव राजा के धुर विरोधी हैं। केंद्रीय मंत्री 17 को ही पचेरी बार्डर (राजस्थान) पहुंचेंगे। 

इसके बाद 19 अगस्त को भिवाड़ी से जयपुर व 20 अगस्त को जयपुर से अजमेर तक लगभग 10 जनसभाएं व 50 से अधिक स्थानों पर अभिनंदन कार्यक्रम होंगे। भूपेंद्र यादव राज्यों के मेडिकल कालेजों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित केंद्रीय कोटे की 15 फीसद सीटों का आरक्षण बढ़वाकर 27 फीसद करने जैसी ओबीसी से जुड़ी बड़ी उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं।

जिज्ञासाएं अनेक, जवाब नहीं एक

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राव इंद्रजीत सिंह ने पूरी ईमानदारी के साथ अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा को मजबूती प्रदान करने का काम किया था। उनका भाजपा में शामिल होना पार्टी के कई पुराने नेताओं को अभी तक रास नहीं आ रहा है। पार्टी के कई नेता अंदरखाने राव का विरोध करते रहे हैं। इन नेताओं के पास जनाधार के नाम पर कुछ नहीं है। आरंभिक दौर में भाजपा ने अपने इन कागजी नेताओं को पूरी तरह दरकिनार किए रखा, लेकिन गत विधानसभा चुनावों के बाद से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राव इंद्रजीत सिंह को उपेक्षा का शिकार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सीनियर होने के नाते उन्हें कैबिनेट में स्थान दिए जाने की प्रबल संभावनाएं थीं, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में ऐसा नहीं किया।

 सूत्रों के अनुसार अहीरवाल क्षेत्र में राव का मजबूत विकल्प तैयार करने के लिए भाजपा ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को कैबिनेट मंत्री बनाकर उन्हें अहीरवाल क्षेत्र में खुलकर बैटिंग करने के लिए छोड़ दिया है। आने वाले समय में भूपेंद्र यादव अहीरवाल क्षेत्र में किस तरह अपनी पकड़ बना पाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल भाजपा के इस निर्णय ने अहीरवाल में राव विरोधी खेमे को पूरी हवा देने का काम कर दिया है। भाजपा में राव विरोधी नेताओं के हौसले पूरी तरह बुलंद हैं। यह खेमा भूपेंद्र यादव के अहीरवाल क्षेत्र में आगमन पर जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटा हुआ है। 

अभिनंदन के लिए तय कार्यक्रम को लेकर कई जिज्ञासाएं हैं, मगर अभी ठोस जवाब नहीं है। लोग यह जानना चाहते हैं कि अहीरवाल के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व उनके समर्थकों की भूमिका क्या रहेगी? क्या राव जमालपुर जनसभा में पहुंचेंगे? क्या राव यात्रा में शामिल रहेंगे? अभी तक राव राजा ने अपने आने की कोई स्वीकृति नहीं दी। उधर हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी धनखड़ ने ऐलान किया है की इस यात्रा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी जमालपुर में भाग लेंगे। 

इधर राजस्थान भाजपा कि नेता वसुंधरा राजे गुट की क्या भूमिका रहेगी? पार्टी स्तर पर उन्हें किस तरह प्रोजेक्ट किया जाएगा? क्या यात्रा राज्य की राजनीति में भविष्य में भूपेंद्र यादव की बड़ी भूमिका का आधार तैयार करने के लिए है? अभी कई सवाल है, मगर सटीक जवाब के लिए कुछ दिन का इंतजार करना होगा। यात्रा के दौरान बिना कहे ही सब कुछ कह दिया जाएगा। अभी तक राव इंद्रजीत सिंह भाजपा में अपनी उपेक्षा को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। उनके समर्थक चुपचाप सारा नजारा देख रहे हैं। राव समर्थकों को अब इस बात का इंतजार है कि आखिर राव इंद्रजीत सिंह की अगली रणनीति क्या होगी। बहरहाल भूपेंद्र यादव के दौरे को लेकर भाजपा की ओर से उनके स्वागत की जबरदस्त तैयारियां शुरू कर दी गई हैं  जबकि राव इंद्रजीत सिंह समर्थक एक तरह से तटस्थ नजर आ रहे हैं।

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