चंड़ीगढ़, 13 जुलाई- हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि प्रदेश के दिव्यांगजन अब राज्य पुर्नवास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (सिरतार) रोहतक में नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इस संस्थान में लम्बे समय से विद्यार्थियों से वसूल किए जा रहे पंजीकरण शुल्क, मासिक शुल्क तथा होस्टल फीस पूरी तरह से माफ कर दी है।        

 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित ‘सिरतार’ गवर्निंग बॉडी की 5वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले संस्थान में पढ़ रहे दिव्यांगजनों से उक्त शुल्क लिए जाते थे, जिसके कारण उन्हें दिक्कत महसूस होती थी। इस संस्थान में जेबीटी, बीएड, पीजीडीआरपी सहित अन्य पाठ्यक्रमों की विशेष शिक्षा दी जाती है। इसमें करीब 150 दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था हैं। इसके साथ ही सिरतार के निदेशक तथा प्राचार्य को आकस्मिक खर्च की सीमा को बढ़ाया गया है। इसके तहत अब निदेशक 40 हजार तथा प्राचार्य 10 हजार रुपए तक मासिक खर्च कर सकेंगे।        

 श्री यादव ने बताया कि ‘सिरतार’ में 5 से 6 वर्ष आयु वर्ग से ही बच्चों की विकलांगता की जांच एवं परीक्षण के लिए ‘शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र’ खोला जाएगा ताकि ऐसे बच्चों को शुरूआती दौर से ही उपचार एवं शिक्षा प्रदान की जा सके। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों की सभी ज्ञानेन्द्रियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके, इसके लिए संस्थान परिसर में ‘संवेदी एकीकरण इकाई’ (एसआईयू) भी स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अतिरिक्त संस्थान में डिजिटल सिग्नेज डिस्प्ले तथा सौलर पैनल भी लगाने की भी सैद्घांतिक मंजूरी दी गई है।         

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को शीघ्र अमल में लाए ताकि दिव्यांगजनों को इसका जल्द ही लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यह संस्थान हरियाणा के लोगों के उपकार के लिए बनाया गया है, इसलिए इसका निर्धारित लक्ष्य पूरा होना चाहिए।        

 बैठक में विभाग के प्रधान सचिव श्री विनित गर्ग, निदेशक श्री जगदीप सिंह श्योराण, रोहतक के उपायुक्त श्री मनोज कुमार, वित्त विभाग से श्री सुनील शरण, अतिरिक्त स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वी के बंसल, उपनिदेशक डॉ. आदित्य, सिरतार के प्राचार्य डॉ. ए डी पासवान सहित रोजगार विभाग व अन्य विभागों के अनेक अधिकारी मौजूद थे।

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