भारत सारथी

गुरुग्राम, 11 जुलाई। शपथ ग्रहण समारोह के नाम पर अराजकता का आलम दिखाई दिया। तथाकथित जागरूक और शिक्षित वर्ग के अग्रणी लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल की खुले आम धज्जियाँ उड़ाईं हैं, मानो वे देश के कानून से ऊपर हैं और कानून उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। खबर के साथ छपी तस्वीरों पर नजर डालें। आपको आभास हो जाएगा कि ये लोग कितने दुस्साहसी हैं; इन्हें किसी की परवाह ही नहीं है। खुद तो बीमारी के जाल में फंसेंंगे, दूसरों को भी संकट में डालेंगे।  

केंद्र और राज्य सरकारें करोड़ों रुपए इस जागरूकता अभियान पर खर्च कर चुकी हैं कि दो गज की दूरी, है बहुत जरूरी; मास्क लगाएँ और सुरक्षित रहें। ऐसे ही सीधे और सरल शब्दों में नेता और नौकरशाह भी जनता को जागरूक कर रहे हैं। लेकिन हरियाणा के वैश्य समाज के लोगों को ना बीमारी की गंभीरता समझ आई है और ना ही सरकार की अपील का कोई असर हुआ है। किसी भी व्यक्ति के चेहरे पर मास्क नहीं है। दो गज की दूरी के प्रोटोकॉल का पालन करना तो दूर, दो फुट की दूरी भी नहीं है। तस्वीरें गौर से देखेंगे तो एहसास होगा कि दो इंच की दूरी भी नहीं है। कहाँ से आया है यह दुस्साहस।

कोरोना की तीसरी लहर भी कई देशों में दस्तक दे चुकी है; भारत भी अछूता नहीं है। कई राज्यों में कोरोना के मामलों में भारी गिरावट के बाद फिर से बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे हालात में सभी वर्ग और उम्र के लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वे कड़ाई से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें यानी मास्क लगाएँ और दो गज की दूरी बनाए रखें। लेकिन समाज ने प्रोटोकॉल की खुले आम धज्जियाँ उड़ाई हैं। वैश्य समाज अपने अधिकारों के प्रति हमेशा सजग और जागरूक रहता है लेकिन कोरोना से लड़ने के सरकार के प्रयासों को सफल बनाने में इनकी कोई भूमिका नजर नहीं आती हैं। तस्वीरें इस बात की गवाह हैं।   

अखिल भारतीय युवा अग्रवाल सम्मेलन गुरूग्राम की जिला इकाई का आज रविवार को शपथ ग्रहण समारोह था। अनंत गलतियों वाली प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि समारोह भव्य था। भव्यता के फेर में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार  प्रदेश अध्यक्ष विनोद जैन की मौजूदगी के साथ ही समाज के सेकडों ‘अग्रणी गणमान्य शिरोमणियों’ ने समारोह में शिरकत की। इस कथित ‘भव्य समारोह’ में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जो हिन्दी में बिना गलती के प्रेस विज्ञप्ति बना सके। राष्ट्रवादी और देश भक्त कहने वाले लोगों को अपनी मातृभाषा नहीं लिखनी आती, यह देख कर बहुत अफसोस होता है।   

 बैठक में वक्ताओं ने मांग रखी है कि महाराजा अग्रसैन  की जन्म और कर्मभूमि अग्रोहा के महा प्राचीन इतिहास को ध्यान में रखकर हिसार में बन रहे एयरपोर्ट का नाम महाराजा अग्रसैन के नाम पर रखा जाए; और प्रत्येक जिले में कम से कम  एक सार्वजनिक चौक पर एक प्रतिमा अथवा मन्दिर और एक पार्क का निर्माण सरकार की ओर से होना सुनिश्चित किया जाए। व्यापारी वर्ग को बिचौलिये की संज्ञा न देकर टैक्स कलेक्टर का दर्जा दिया जाए और व्यापारी टैक्स देने संबंधी सेवाओं को देखते हुए 60 साल से अधिक आयु सीमा पर पेंशन का भी प्रावधान रखा जाए। उन्होंने यह भी माँग की कि ऐतिहासिक अग्रोहाधाम को रेलवे लाईन से जोडा जाए जिससे लाखों लोगों की धार्मिक आस्था को तो बल मिलेगा; साथ ही चार बड़ी मंडियों को सीधा फायदा पहुंचेगा जिससे हजारों किसानों को लाभ मिलेगा।

अखिल भारतीय युवा अग्रवाल की सबसे बड़ी राजनीतिक पीड़ा यह है कि मोजूदा विधानसभा में वैश्य समाज के आठ विधायक हैं लेकिन एक भी मंत्री पद इस समाज के खाते में नहीं है। 

अखिल भारतीय युवा अग्रवाल की जिला कार्यकारणी में राजीव मित्तल अध्यक्ष, अमित गुप्ता महामंत्री और सौरभ अग्रवाल कोषाध्यक्ष बने हैं। कहने को तो यह संगठन युवा वर्ग का है लेकिन उसके अध्यक्ष 50 वर्ष के बताए जा रहे हैं। युवा और 50 वर्ष में तालमेल नहीं बैठ रहा है। शायद युवा की परिभाषा बदल गई है। 

error: Content is protected !!