उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक संकट के चलते राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने आखिरकार राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. वे मुख्यमंत्री के पद पर चार महीने ही रहे. तीरथ सिंह रावत ने साम को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा दे दिया था. देर रात में उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया. रावत ने शुक्रवार की सुबह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. उन्होंने संवैधानिक संकट के चलते इस्तीफा दिया है. कल देहरादून में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम की मौजूदगी में विधान मंडल की बैठक में नए नेता का चुनाव होगा. उत्तराखंड में 70 सीटों की विधानसभा में बीजेपी के 57 विधायक हैं. इसमें से एक सीट गंगोत्री की बीजेपी की खाली है. आज दिन भर से कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस्तीफा दे सकते हैं. जानकारी के अनुसार, उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा था. गौरतलब है कि दिल्ली में डेरा जमाए रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की अटकलें उस समय जोर पकड़ने लगी थीं जब उन्होंने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर जाकर मुलाक़ात की थी. बीते तीन दिनों में दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाक़ात थी. इस मुलाकात के बाद यह चर्चा होने लगी कि कहीं यह उत्तराखंड में फिर से सत्ता परिवर्तन की आहट तो नहीं है? तीरथ सिंह रावत तीन दिन से दिल्ली में थे. हालांकि जिस दिन वह आए उसी रात उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात हो गई थी. अगले दिन उन्हें देहरादून वापस जाना था. लेकिन अचानक वापसी का कार्यक्रम टल गया जिसके बाद से उनको बदले जाने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली. तीरथ सिंह रावत को संवैधानिक संकट के चलते पद छोड़ना पड़ रहा है. रावत ने इसी साल मार्च में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. उनको सीएम पद से इसलिए हटना पड़ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के छह महीने के अंदर यानी 10 सितंबर तक उनका विधायक बनना ज़रूरी है. उत्तराखंड की दो सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं लेकिन कोरोना महामारी को लेकर फ़िलहाल उपचुनाव पर चुनाव आयोग की रोक है. ऐसे में उपचुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उत्तराखंड में उपचुनाव को लेकर सवाल पर तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि उप चुनाव का विषय चुनाव आयोग का है. चुनाव आयोग जब भी निर्णय लेगा, उपचुनाव होंगे. चुनाव आयोग जो भी फैसला करेगा, वह स्वीकार होगा. Post navigation विदेश भागने की महामारी दिल्ली में हुड्डा समर्थकों की प्रभारी से मुलाकात के बाद बढ़ी हलचल