झूरीवाला में डंपिंग ग्राउंड बनाने के विरोध में  निवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी : चंद्रमोहन
 डंपिंग ग्राउंड का निर्माण नियमो की अवेहलना,हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना : विजय बंसल
-लविजय बंसल ने गांव भानू में डंपिंग ग्राउंड शिफ्ट करने के लिए 2011 में दायर की थी जनहित याचिका 

पंचकूला। झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड के विरोध में  स्थानीय लोग, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और कांग्रेस के नेता उतरे। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन के नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। पूर्व मेयर उपिंदर कौर अहलुवालिया, वार्ड नं 17 से पार्षद अक्षयदीप चौधरी, वार्ड नं 18 से पार्षद संदीप सोही भी झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड के विरोध में स्थानीय लोगों संग प्रदर्शन करने पहुंचे। घग्गर नदी पार के सेक्टरों के लोग सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन में शामिल हुए।  इस मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात था।

  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सेक्टर 23 डंपिंग ग्राउंड को झूरीवाला में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद काम भी शुरू हो गया था। लेकिन घग्गर नदी पार के सेक्टरों के लोगों का कहना है कि झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड आवासीय इलाके से महज 1 से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। जिससे न केवल सेक्टर वासियों को महामारी का सामना करना पड़ेगा बल्कि वायु प्रदूषण के साथ-साथ भूमिगत जल भी बुरी तरह से प्रदूषित होगा। सेक्टर 25 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन व स्थानीय लोगों द्वारा लगातार कई बार झूरीवाला में डंपिंग ग्राउंड शिफ्ट किए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और पंचकूला मेयर को ज्ञापन दिए गए हैं।

चंद्रमोहन ने कहा कि झुरिवाला डंपिंग ग्राउंड के विरोध में आयोजित हर मोर्चे के प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी स्थानीय निवासियों के साथ खड़ी है।जब पूर्व महापौर एमसी पंचकूला ने 21.06.2017 को आयोजित एमसी पंचकूला की बैठक में प्रस्तावित झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड को घग्गर पार सेक्टरों की आवासीय आबादी से दूर स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए पारित प्रस्ताव की एक प्रति सीएम के पास भेज दी थी और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष व विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने 2 जून.2018 को पंचकूला विधायक की हैसियत से पत्र भेजकर प्रस्तावित झुरीवाला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को घग्गर पार सेक्टरों की आवासीय आबादी से तत्काल स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी तो ऐसे में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर एक कमरे में बैठकर निर्णय लिया जाना गलत है।

शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व प्रदेश सरकार द्वारा झूरीवाला में डंपिंग ग्राउंड बनाने के फैसले को नियमो की अवेहलना बताते हुए  पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना बताया है।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नियमो को ताक पर रखकर यह आदेश दिए है जबकि इस डंपिंग ग्राउंड के बनने से जहां तो एक तरफ आमजन व स्थानीय लोग परेशान है वही पर्यावरण को भी खतरा है।बंसल ने इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है और फैसला न बदले जाने पर पुनः हाईकोर्ट की शरण लेने की बात कही है। 2011 में भी  हाईकोर्ट में पंचकूला के सेक्टर 23 स्थित अस्थाई डंपिंग ग्राउंड को शहर से बाहर पंजाब बॉर्डर के नजदीक गांव भानु में शिफ्ट करने के लिए विजय बंसल एडवोकेट ने बतौर याचिकाकर्ता जनहित याचिका न 16951/2011 दायर की थी।विजय बंसल ने 2010 में इस डंपिंग ग्राउंड को पंजाब बॉर्डर पर शिफ्ट करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा था जिसमे कहा गया था कि सेक्टर 23 में बने अस्थाई डंपिंग ग्राउंड से सेक्टर 23-24-25-26-27-28 के निवासियों को बदबू का सामना करना होगा तथा पर्यावरण प्रदूषित होगा।हरियाणा के हुडा विभाग ने पंचकूला एक्सटेंशन के अंतर्गत बरवाला तक सेक्टर विकसित करने की योजना है।

झुरीवाला के आसपास भी आबादी है ,झुरीवाला वन क्षेत्र में आता है और  यहां भारतीय वन अधिनियम 1927,पीएलपीए 1900,वन संरक्षण एक्ट 1980 आदि लागू है।झुरीवाला खोल ही रायतन वाइल्ड लाइफ सेंचरी के अंतर्गत है व इको सेंसिटिव जॉन में है।पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 मार्च 2013 को आदेश पारित करते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी)नई दिल्ली को स्थानांतरित करते हुए कार्यवाही करने के आदेश दिए थे।अस्थाई डंपिंग ग्राउंड के निरीक्षण हेतु 2 जस्टिस सहित अनेक सदस्यों ने निरीक्षण किया। 

हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एनजीटी की टीम ने याचिकाकर्ता विजय बंसल समेत सभी सदस्यों को सलाह देने के लिए बुलाया था जिसमे विजय बंसल ने सुझाव देते हुए कहा था कि इस अस्थाई डंपिंग ग्राउंड से स्थानीय निवासियों को अनेको दिक्कत का सामना करना पड़ता है जिसमे गंदी बदबू व पर्यावरण प्रदूषण से अनेको बीमारियों का खतरा आदि रहता है।साथ ही यदि इसे झुरीवाला शिफ्ट किया जाएगा तो उसके आसपास भी आबादी है व वन क्षेत्र है।एनजीटी टीम ने विजय बंसल के सुझावों पर सहमति जताई थी परन्तु 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग व नगर निगम के अफसरों ने डंपिंग ग्राउंड को झुरीवाला में लगाने का निर्णय लिया जोकि जनहित में नही है तथा जनविरोधी है जबकि पंजाब बॉर्डर पर गांव भानु खाली क्षेत्र है व उसके नजदीक पंजाब का भी डंपिंग ग्राउंड है परन्तु भाजपा की जनविरोधिनीतियो के कारण इसे आबादी देह एरिया में लगाया जा रहा है। 

चंद्रमोहन ने कहा कि झूरीवाला साइट पर ठोस कचरे के डंपिंग के लिए नगर निगम पंचकूला द्वारा पर्यावरण विभाग से कोई मंजूरी व एनओसी प्राप्त नहीं की गई है।.2013 की पूर्व मंजूरी के बाद से केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से कोई नई मंजूरी नही है जोकि पहले ही समाप्त हो चुकी है। चूंकि झुरीवाला साइट के वन क्षेत्र में पहले से ही घने पेड़ हैं, इसलिए सभी पेड़ों को एमसी पंचकूला द्वारा काटा जाएगा और एमसी पंचकूला द्वारा वन विभाग की कोई पूर्व मंजूरी नहीं ली गई है।

केंद्र व प्रदेश सरकार पर्यावरण दिवस पर अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील कर रही हैं लेकिन वर्तमान निर्णय से झूरीवाला में इतने सारे पेड़ कटेंगे जिसकी गिनती करना असंभव है।यह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के  उल्लंघन का स्पष्ट मामला है जिसमें झुरीवाला साइट पर ठोस अपशिष्ट नहीं डालने का निर्देश दिया गया है।इसके साथ ही यह  चंडीगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 25अक्टूबर.2018 को जारी आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। 

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