अब, संजीवनी परियोजना के माध्यम से जिला प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाओं पर रखेगा पैनी नजर।हरियाणा में संजीवनी परियोजना की नई पहल से कोविड रोगियों की घर पर ही चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित।संजीवनी परियोजना से ग्रामीण क्षेत्र में तीन स्तर पर कोविड रोगियों की मदद। चण्डीगढ़, 23 मई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 24 मई को सुबह 9 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के मरीजों के लिए एक नई पहल का शुभारम्भ करेंगे जिसका नाम ‘संजीवनी परियोजना’ रखा गया है। इस परियोजना में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके घर पर ही की जाएगी। इससे उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्यक्रम अत्यधिक जरूररतमंद लोगों की तत्काल जरूरी चिकित्सा देखभाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।उन्होंने बताया कि इस परियाजना को पायलट आधार पर आज करनाल जिले में शुरू किया जाएगा और आने वाले हफ्तों में इसे कई कई अन्य जिलों में भी लागू कर दिया जाएगा। प्रवक्ता के अनुसार ‘संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है। अधिकारियों का मानना है किसही प्रक्रियाओं और समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है। परियाजना निम्नलिखित प्रदान करेगी- जिला प्रशासन को समूची स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर पैनी नजर रखने में सक्षम बनाने के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, एम्बुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र प्रदान करेगी। परियोजना के तहत कोविड हॉटलाइन का संचालन होगा, जो संदिग्ध या क्लीनिक में इलाज किए गए कोविड-19 के रोगियों को बुनियादी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए मौजूदा कॉल सेंटर की क्षमताओं को बढ़ाएगी। मेडिकल इंटर्न के अलावा 200 मेडिकल फाइनल ईयर और प्री-फाइनल ईयर के छात्रों को जुटाकर उन्हें सलाहकारों और विशेषज्ञों से जोडक़र, योग्य डॉक्टरों से भी बढकर चिकित्सा सलाह के दायरे का विस्तार करेगी। यह परियोजना कोविड-19 के हल्के से मध्यम मरीजों को उपचार और निगरानी प्रदान करने के लिए टेलीमेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाएगी। यह मरीज द्वारा पहली बार टेलीमेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य माध्यमों से सम्पर्क करने से लेकर उसके पूर्ण स्वस्थ होने तक परामर्श, जांच रिपोर्ट, रोगी के स्वास्थ्य सुधार और परीक्षण परिणामों की निगरानी जैसी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाएगी। परियोजनामें होम केयर किट का वितरण किया जाएगा जिसमें एक मास्क, एक ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर और बुनियादी दवाएं शामिल हैं। अतिरिक्त एम्बुलेंस की खरीद और मोबाइल फार्मेसियों का विकास किया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण मिलते हैं तो उसे आउटरीच, शिक्षा और संचार के द्वारा अपने चिकित्सा विकल्पों की पहचान करने में मदद दी जाएगी। ये परस्पर संबंधित गतिविधियां हरियाणा सरकार को रोगियों के लिए त्रि-स्तरीय चिकित्सा बुनियादी ढांचा विकसित करने में सक्षम बनाएंगी। त्रि-स्तरीय चिकित्सा बुनियादी ढांचे में निम्नलिखित शामिल हैं- ग्राम स्तर व उपकेंद्र स्तर पर और कुछ मामलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में घर पर अलग-थलग करने में असमर्थहल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाना। इसमें एक डॉक्टर (आयुष डॉक्टरों सहित), कुछ नर्सिंग स्टाफ और स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा। जिला या उपमण्डल स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों या अन्य फील्ड अस्पतालों में मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर युक्त आक्सीजन सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। गंभीर रोगियों के लिए बड़े सरकारी, सिविल या निजी अस्पतालों मेंआई.सी.यू. सुविधाओं से लैस उन्नत चिकित्सा केंद्र बनाए जाएंगे। डेलायट कंपनी के सहयोग से चलाई जाने वाली ‘संजीवनी परियोजना’ राज्य के लोगों को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प में मदद करेगी। आशा कार्यकर्ता, जो कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं, इस नए कार्यक्रम के लाभों के बारे में नागरिकों को जानकारी देते हुए प्राथमिक फ्रंट-लाइन स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना जारी रखेंगी। Post navigation बीमार लोगों तक नहीं पहुंच रही स्वास्थ्य मंत्री की कोरोना किट- डा सुशील गुप्ता सांसद हिसार जि़ला प्रशासन की किसानों से अपील : यह समय मिलजुल कर कोरोना महामारी से लड़ाई का है