हरियाणा के हिसार में ओपी जिंदल मॉडर्न स्कूल में बने 500 बेड के कोविड अस्पताल के उद्घाटन में हुए विवाद के बाद अब पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. हिसार – ओपी जिंदल मॉडर्न स्कूल में बने 500 बेड के कोविड अस्पताल के उद्घाटन के बाद किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद किसानों पर शाम तक पुलिस केस दर्ज कर लिया गया था. ये पुलिस केस हिसार रेंज के आईजी और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच समझौता बैठक से पूर्व ही दर्ज कर लिए गए थे. इस बात का खुलासा घटना के तीन दिन बाद बुधवार को हुआ जबकि आईजी के साथ समझौता बैठक में किसान नेताओं के अनुसार किसानों पर केस दर्ज नहीं करने की बात आईजी राकेश कुमार ने कही थी. इसी के बाद किसानों ने आईजी आवास से अपना धरना प्रदर्शन खत्म किया था. 16 मई को पुलिस और किसान प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने अर्बन एस्टेट थाना के तहत 26 नामजद सहित 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गैरजमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. मुकदमे में राजेश, कुलदीप, आप नेता मनोज राठी, सोमबीर, सुरेंद्र, कुलदीप सहरावत, किसान नेता दिलबाग हुड्डा, किसान नेता संदीप सिवाच, बलवान सिंह, संदीप जांगड़ा, श्रीकृष्ण, सोमवीर, नसीब, राजू भगत, श्रद्धानंद, कैलाश मलिक, दशरथ, अजीत, रोहताश मलिक, रमन नैन, प्रदीप, राजेश कुमार, सुमन हुड्डा, अनू सुरा, किसान नेता सतबीर पूनिया, सुखबीर सिंह व अन्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 147, 148, 149, 186, 188, 283, 307, 353, 427 व पीडीपीपी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. 24 मई को प्रदर्शन का ऐलान बता दें कि घटना वाले दिन ही 42 प्रदर्शनकारियों पर शांति भंग के तहत कार्रवाई भी हुई थी. अब इसी बात के खिलाफ किसानों में गुस्सा है. रामायण टोल पर बुधवार को किसानों ने महापंचायत करके 24 मई को हिसार के क्रांतिमान पार्क में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. वहीं, किसान नेता प्रशासन और पुलिस पर अपनी बात से मुकरने का आरोप लगा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि जो भी अपराधिक गतिविधि होती है उसका रिकॉर्ड रियल टाइम में रखा जाता है और उसे रद्द नहीं किया जा सकता. किसानों पर गंभीर धाराओं के तहत दर्ज मुकदमों के बाद मामला काफी उलझ गया है. इसी का नतीजा है कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों के विरोध में हिसार के कुछ गांवों ने कोरोना लॉकडाउन का बहिष्कार शुरू कर दिया है और गांवों में दुकानें खोलनी शुरू कर दी हैं. गांवों में कोविड सेंटर भी बंद किए जा रहे हैं. अब देखना होगा कि 24 तारीख को हिसार में किसानों के प्रदर्शन के दौरान किसानों की केस रद्द करने और अन्य मांगों का क्या नतीजा निकलता है. Post navigation इसे लोकतंत्र ही रहने दें , भेडतंत्र न बनने दीजिए आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आपसी एकता व सदभाव जरूरी : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज