मेट्रो व रेपिड मेट्रो के बंद हो जाने से लोग हैं परेशाान

गुडग़ांव, 10 मई (अशोक): कोरोना महामारी के दूसरी भयावह लहर को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रदेशों की सरकारें समुचित कदम उठाने में लगी हैं।दिल्ली व आस-पास के क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन को और आगे बढ़ा दिया है। इस बार तो सरकार ने मेट्रो का संचालन भी अगले आदेश तक बंद करने की घोषणा कर दी है। सरकार के इस निर्णय से उन चिकित्सकों, नर्सों, हैल्थ वर्करों, सफाईकर्मियों की चिंता बढ़ा दी है, जो अस्पतालों या कोविड सेंटरों में ड्यूटी कर रहे हैं। वे अभी तक मेट्रो से ही अपने घर से कार्य स्थल तक आ जा रहे थे। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग गुडग़ांव से मेट्रो में सफर करते रहे हैं। मेट्रो में जहां समय कम लगता है, वहीं धन की बर्बादी कम ही होती है। यानि कि बसों व टैक्सियों के भारी भरकम किराए से वे बचते रहे हैं।

गुडग़ांव से दिल्ली व अन्य स्थानों पर कार्य करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जाते हैं, लेकिन मेट्रो के बंद हो जाने से इन लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मेट्रो के बंद होने का सोमवार को पहला ही दिन था, जिससे लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। उनके सामने सबसे बड़ी यह समस्या है कि दिल्ली तक पहुंचने के लिए उन्हें बड़े पापड़ बेलने पड़ेंगे। मेट्रो के साथ ही गुडग़ंाव में चलने वाली रेपिड मेट्रो को भी एक सप्ताह के लिए बंदकर दिया गया है। मेट्रो के बंद होने से गुडग़ांव के उद्योग विहार व साईबर हब में आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को बेहद परेशानी हुई है।

हालांकि यह सब सरकार ने इस समय कोरोना संक्रमण की चैन तोडऩे के लिए ही किया है, जोकि बेहद जरुरी भी है। रेपिड मेट्रो में भी बड़ी संख्या में लोग सफर करते रहे हैं। उन्हें भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ गया है।

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