भिवानी। जर्नलिस्ट क्लब भिवानी ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर उन पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होने सच्चाई के लिए अपनी जान दे दी। क्लब के प्रधान ईश्वर धामु ने कहा कि प्रेस की स्वतंंत्रता का आज का दिन ऐसे पत्रकारों को समर्पित है, जो स्वतंत्र मीडिया के समर्थन में व्यक्तिगत और नैतिक रूप से समर्थन में हैं। उन्होने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने दिसंबर 1993 में विश्व प्रेस दिवस की घोषणा की। तब से, 3 मई को दुनिया भर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होने कहा कि समाचारों का महत्व उसी तक सीमित है कि पत्रकार पर कोई दबाव न हो। अन्यथा समाचार और पत्रकार दोनों ही अपना मूल्य खो देते हैं। धामु ने कहा कि विचारणीय प्रश्र यह है कि कोविड-19 के इस महामारी के दौर मेंं स्थानीय स्तर के समाचार पत्रों को कैसे बचाया जा सकता है? उन्होने कहा कि मीडिया के सामने सामयिक चुनौतियां, इंटरनेट कम्पनियों कि गला काट व्यवसायिक प्रतियोगिता, मीडिया की स्वतंत्रता, पत्रकारों की कार्य स्थितियों में सुधार जैसे विषय पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। यह दुनिया भर के सभी देशों के लिए तत्कालिक हालातों में सबसे महत्वपूर्ण विषय है। ऐस तत्कालिक कारण बदलती संचार प्रणाली को पहचानने में भी मदद करता है जो हमारे स्वास्थ्य, हमारे मानव अधिकारों, लोकतंत्र और सतत विकास को प्रभावित कर रही है। धामु ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता के लिए दुनियाभर में अलग अलग स्तर पर प्रयास हो रहे हैं, परन्मु फिर भी चीन, उत्तर कोरिया, वियतनाम, सीरिया और ईरान जैसे देश हैं, जहां प्रेस की स्वतंत्रता अभी भी सीमित है। उन्होने कहा कि आज पत्रकारिता के व्यवसायिकता के हर स्तर पर इस बारे चिंतन की अवश्यकता है। Post navigation सरकार के षडयंत्र का शिकार हुए पीटीआई: विरेंद्र जाखड़ किसानों के खिलाफ गलत प्रशासनिक कार्यवाही के खिलाफ खाप का निंदा प्रस्ताव पास