आदरणीय सावित्री जिंदल जी के जन्मदिन पर कपिल महता संवाददाता की एक विशेष रिपोर्ट। जब देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों की चर्चा होती है तो लोगों के जहन में टाटा, बिरला, अंबानी जैसे चंद नाम सबसे पहले उभर कर आते हैं। भारत के सबसे धनवान लोगों में ज्यादातर पुरुषों के नाम ही शामिल है। लेकिन, आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके नाम देश की सबसे अमीर महिला होने का गौरव हासिल है। 70 वर्षीय यह महिला आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने में से एक जिंदल का नेतृत्व करती हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं 7.1 अरब डॉलर यानी 52,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की मालकिन सावित्री जिंदल की, जो देश की दिग्गज स्टील कंपनी जिंदल समूह की चेयरपर्सन हैं। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) हिसार में स्थित एक भारतीय इस्पात और ऊर्जा कंपनी है। यह समूह भारत में इस्पात, बिजली, खनन, तेल, गैस और बुनियादी ढांचे में एक अग्रणी कंपनी है। जिंदल ग्रुप की स्थापना सावित्री जिंदल के पति ओमप्रकाश जिंदल ने की थी। साल 1952 में कोलकाता के पास में लिलुआ नामक स्थान में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की एक छोटी फैक्टरी से जिंदल (इंडिया) लिमिटेड का जन्म हुआ था। गौरतलब है कि टाटा और कलिंग के बाद, भारत में अपनी तरह की यह तीसरी फैक्टरी थी। इस उपलब्धि के चलते ओम प्रकाश जिंदल पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत में जल्द ही लोकप्रिय हो गए। कुछ वर्षों तक काम करने के बाद साल 1960 में वे अपने पैतृक जिला हिसार आ गए और यहां भी उद्योग लगाया। उन्होंने 34 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की, जिसमें से 30 भारत में, तीन अमेरिका में और एक इंडोनेशिया में स्थित हैं। मैन ऑफ स्टील के नाम से प्रसिद्ध ओम प्रकाश जिंदल तकनीकी एवं इंजीनियरिंग कार्यों में अत्यधिक रूचि रखते थे। हालांकि, उन्होंने तकनीकी एवं इंजीनियरिंग की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली थी लेकिन इन विषयों के प्रति गहरे लगाव ने उन्हें एक सफल उद्योगपति की सूची में ला खड़ा किया। एक किसान परिवार में जन्में, ओम प्रकाश ने खेती-किसानी से ही अपने करियर की शुरुआत की थी, फिर एक साधारण व्यापारी बनें, उसके बाद बाल्टी निर्माता और फिर अंतरराष्ट्रीय ख्याति के उद्योगपतियों की सूची में शुमार हुए। साल 2005 में एक हवाई दुर्घटना में ओम प्रकाश जिंदल के देहावसान के बाद जिंदल समूह की बागडोर उनकी पत्नी सावित्री देवी जिंदल और चार बेटे पृथ्वी राज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल के कंधे आ गई। जिंदल उद्योग समूह का मुख्य व्यवसाय स्टील से संबंधित है, फिर भी उसे चार वर्गों-पाइप्स, कार्बन स्टील, स्टेनलेस स्टील, रेल व ऊर्जा में बांटा जा गया है। आज पिता की तरह ही चारों पुत्र देश के कामयाब उद्योगपति माने जाते हैं और अपनी कंपनियों को नई ऊंचाईयों पर ले जाते हुए देश के औद्योगिक विकास में योगदान दे रहे हैं। फोर्ब्स द्वारा जारी की गई सबसे अमीर भारतीय की सूची में सावित्री जिंदल 20वें स्थान पर हैं और महिला सूची में पहले पायदान पर। 36 वर्षों तक चारदीवारी के अंदर रहने वाली सावित्री आज विश्व की एक अग्रणी कंपनी का नेतृत्व कर रही हैं। उनकी कार्यकुशलता और नेतृत्वक्षमता वाकई में लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायक है। कोविड19 से जंग में #JSL Hisar आई आगे, शहर में चलाया सैनिटाइजेशन अभियान हरियाणा की पूर्व कैबिनेट मंत्री और ओपी जिन्दल ग्रुप की एमिरेटस चेयरपर्सन श्रीमती सावित्री जिन्दल की अगुवाई में जिन्दल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) हिसार ने कोविड19 के दौरान हिसार शहर वासियों को राहत पहुंचाने का काम किया। जेएसएल के चेयरमैन श्री रतन जिन्दल, एमडी श्री अभ्युदय जिन्दल और जेएसएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती दीपिका जिन्दल के संकल्प के अनुरूप कोरोना वायरस को लेकर पूरे हिसार शहर में सैनिटाइजेशन अभियान करवाया गया और अनेक जरूरतमंदों को भोजन के साथ साथ में राहत सामग्री बांटी गई JSL, हिसार से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक श्रीमती सावित्री जिन्दल ने कहा कि हिसार हमारा घर है और हिसार वासी जिन्दल परिवार के सदस्य इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने शहर को स्वच्छ और सुरक्षित रखें। श्रीमती सावित्री जिन्दल ने लोगों से अपील की कि वे कोरोना वायरस के नियमों का पूरी ईमानदारी से पालन करें और अपने घर में ही रहकर ऑनलाइन अपना काम करें। इस रोग की रोकथाम सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर हो सकती है इसलिए महामारी को परास्त करने के लिए सभी लोग जरूरत के समय ही अपने घर से निकले। इस बात को न भूलें कि हमारी एक गलती का खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में जिन्दल परिवार हिसार वासियों की सेवा में तत्पर है। Post navigation यह संवेदनहीनता किसान आंदोलन पर ,,,,? दिव्यांगता अभिशाप नहीं : राजकुमार मक्कड़