पंचकूला, 19 मार्च। आॅल हरियाणा शैडयूल्ड कास्ट्स इम्प्लाइज फैडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष दलबीर राठी व हजरस कैथल के जिला प्रधान राजबीर सिंह पाई ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा चल रहे आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापक भर्ती के साक्षात्कार में अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों से अनुसूचित जाति की कैटेगरी संबंधी डिक्लेरेशन लेने पर सख्त ऐतराज जताया गया।

अनुसूचित जाति के कैंडिडेटस से यह लिखवाया जा रहा हैं कि मैं अनुसूचित जाति की कैटेगरी ए व अनुसूचित जाति की कैटेगरी बी से संबंध रखता हूं और मेरा चयन इसी कैटेगरी में होना चाहिए। साक्षात्कार से पहले इस प्रकार की डिक्लेरेशन लेना बिल्कुल गलत है। यह एक प्रकार से अनुसूचित जाति के उच्च अंक प्राप्त कैंडिडेटस को ओपन कैटेगरी में जाने से रोकने की साजिश है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के आदेशों  में वर्णित है कि कोई भी आरक्षित श्रेणी का कैंडिडेट उच्च अंक प्राप्त कर ओपन कैटेगरी में जाता है तो उसे नहीं रोका जा सकता है।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही अनुसूचित जाति के कैंडिडेटस के साथ सौतेला व्यवहार है अन्य आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेटस से ऐसी डिक्लेरेशन नही ली गई है। हरियाणा कर्मचारी आयोग अनुसूचित जाति वर्ग में ए और बी कैटेगरी की डिक्लेरेशन की बात करता है तो यह उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के आदेशो की अवहेलना है।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 21 जुलाई 2006 को अनुसूचित जाति  में वर्गीकरण की हरियाणा सरकार की अधिसूचना को निरस्त कर दिया था जिस पर उच्चतम न्यायालय ने भी अपनी मुहर लगाई है। वर्ष 2010 में 1983 पीटीआई अध्यापको की भर्ती व 816 आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों की भर्ती में कैटगरी लागू नहीं थी अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग क्यों कैटेगरी की डिक्लेरेशन की बात कर रहा है। आॅल हरियाणा एससी इम्प्लॉयज फैडरेशन जो कि अनुसूचित जाति के विभिन्न विभागों की यूनियनों का संयुक्त फेडरेशन है हरियाणा सरकार से मांग करता है कि आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापक भर्ती के साक्षात्कार में इस तरह की डिक्लेरेशन को तुरंत प्रभाव से बंद करें व जिन कैंडिडेट से लिखवाया गया है उस को दरकिनार कर संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नियमों का पालन करते हुए चयन प्रक्रिया को अपनाएं ताकि अदालती व कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।     

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