भारत सारथी/कौशिक

नारनौल । महेंद्रगढ़ जिले के नशीली वस्तु अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) के तहत पुलिस ने जब्त किए नशीले पदार्थों को कल गुरुग्राम के बायोटेक वेस्ट लिमिटेड सैक्टर 37 के वॉयलर में नष्ट किया गया। वॉयलर में नशीले पदार्थों को नष्ट करने से पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है। इसके चलते पुलिस पिछले कई सालों से नशीले पदार्थों को बायोटेक वेस्ट लिमिटेड के बॉयलर में नष्ट कर रही है। महेंद्रगढ़ जिला के 60 मामलों में जब्त किए गए गांजा, चूरापोस्त, चरस, भूखी, सुल्फा व नशीली दवाइयों को नष्ट किया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विकास अरोड़ा के आदेशानुसार 60 मामलों में जब्त किए गए नशीले पदार्थों को नष्ट किया गया है। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एक कानूनी प्रक्रिया के तहत कमेटी का गठन किया जाता है। पुलिस महानिरीक्षक विकास अरोड़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, जिसके सदस्य एसपी महेंद्रगढ़ चंद्रमोहन व एसपी रेवाड़ी शामिल थे। जिनकी अध्यक्षता में सोमवार को बायोटेक वेस्ट लिमिटेड सैक्टर 37 गुरुग्राम में नशीले पदार्थ नष्ट किए गए। पर्यावरण संरक्षण के लिए नशीले पदार्थों को बॉयलर में जलाया गया।

एसपी चंद्रमोहन ने बताया कि पहले केसों का फैसला होने तथा विचाराधीन मामलों में जब्त किए गए नशीले पदार्थों को लकड़ी की आग में जलाया जाता था। जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता था। इस प्रक्रिया में खर्च भी अधिक आता था। पर्यावरण संरक्षण के लिए आला अधिकारियों के विचार-विमर्श उपरांत निर्णय लिया गया था कि इस प्रकार के पदार्थों को किसी ऐसी जगह पर नष्ट किया जाए जहां पर इसके जलाने से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव ना पड़े। जिसके लिए गुरुग्राम के बायोटेक वेस्ट लिमिटेड सैक्टर 37 के बॉयलर में उन्हें नष्ट करने का निर्णय लिया गया।

महेंद्रगढ़ जिले के 60 मामलों में नष्ट किया गया नशीला पदार्थ:–
गांजा : 111 किलोग्राम 754 ग्राम. चूरापोस्त : 7 किलोग्राम 58 ग्राम. डोडा : 624 ग्राम. भूखी : 492 ग्राम. नशीली गोलियां : 37

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