गांव ठरी में शहीद किसान के घर पहुंचकर भावुक हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा घर की परिस्थिति देखकर अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए

• घर में रह गये हैं शहीद किसान की बुजुर्ग मां और 6 साल का बेटा, घर में कमाने वाला कोई नहीं
• सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा वो शहीद किसान के बेटे और भतीजे का एडमिशन करनाल केंद्रीय विद्यालय में करायेंगे
• दीपेंद्र हुड्डा ने असंध हलके के गांव ठरी में युवा किसान स्व. हरिंदर सिंह के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की व परिवारजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी
• शहीद किसान के परिवार को चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल की ओर से 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपी गई
• किसानों के नाम पर वोट मांगने वाले अगर कल किसान के साथ खड़े होते तो नजीता कुछ और ही होता
• सरकार अविश्वास प्रस्ताव भले ही जीत गयी पर उसने जनमत खो दिया
• इस अविश्वास प्रस्ताव ने अगले चुनाव में मतदान के लिये जनता की राह को आसान कर दिया
• अगले चुनाव में अब कोई जनता को गुमराह नहीं कर सकेगा, सारे चेहरे बेनकाब हो गये

करनाल, 11 मार्च। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज गांव ठरी, असंध के युवा किसान स्व. हरिंदर सिंह के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की व परिवारजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। शहीद किसान के घर पहुंचे दीपेन्द्र हुड्डा परिवार की परिस्थिति देखकर बेहद भावुक हो गये और अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। किसान स्व. हरिंदर के पिता और पत्नी की मौत पहले ही हो चुकी है अब घर में सिर्फ उनकी बुजुर्ग मां और 6 साल का बेटा रह गए हैं। घर में अब कमाने वाला कोई नहीं रहा। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा वो शहीद किसान के बेटे और भतीजे का एडमिशन करनाल केंद्रीय विद्यालय में करायेंगे। इस दौरान उनके परिवार को चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल की ओर से 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपी गई। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पता नहीं ये सरकार कितने और किसानों की बलि लेगी। सरकार के लिये किसान आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसान और उनके परिवार ‘महत्वपूर्ण विषय’ नहीं होंगे, पर मेरे लिये हैं। मैं किसान का बेटा हूँ, मैंने बहुत करीब से अपने भाइयों का संघर्ष देखा है, उनका दर्द महसूस किया है। मैं हर एक शहीद परिवार से मिलने और उनकी हर संभव मदद करने के लिए कटिबद्ध हूँ।

उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर वोट मांगने वाले अगर कल विधानसभा में किसान के साथ खड़े होते तो नजीता कुछ और ही होता। सरकार अविश्वास प्रस्ताव भले ही जीत गयी पर उसने जनमत खो दिया। इस अविश्वास प्रस्ताव ने अगले चुनाव में मतदान के लिये जनता की राह को आसान कर दिया है। जनता के सामने सारी तस्वीर शीशे की तरह साफ हो गयी है कि कौन जनता के साथ है और कौन सरकार के साथ। किसान विरोधी नेताओं के चेहरे बेनकाब हो गये। अगले चुनाव में ये लोग अब जनता को गुमराह नहीं कर सकेंगे। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने कुछ कुर्सी पसंद विधायकों का विश्वास तो हासिल कर लिया, पर जनता का विश्वास हार गयी। जनता की नजरों में इस कदर गिर गयी है कि वापिस कभी नहीं उठ पाएगी। कल किसानों का साथ हुआ धोखा इतिहास में दर्ज हो गया है। चाहे कुछ भी हो हम पीछे नही हटेंगे, इस संघर्ष में सदैव किसान के साथ खड़े रहेंगे।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पूरे देश ने देखा कि 100 दिन से चल रहे किसान भाइयों के मैराथन संघर्ष में कौन उनके साथ खड़ा है और कौन उनके खिलाफ। देश ने ये भी देखा कि लगभग 300 किसानों की शहादत की पीड़ा किसे है। कल विधानसभा में सत्ता का अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा था। उसी अहंकार में मुख्यमंत्री ने घोषणा करी कि तीनों कृषि कानून किसी भी हालत में वापस नहीं होंगे। कुर्सी के लोभ में किसान विरोधी नेताओं ने 300 किसानों की क़ुर्बानी की खिल्ली उड़ाने वाली सरकार के पाप में भागीदार बनना स्वीकार कर लिया। बीजेपी/जेजेपी नेता किसानों से अब आँख नहीं मिला पा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि लोगों में सरकार के प्रति किस कदर रोष है। ये अविश्वास प्रस्ताव की नैतिक जीत है। अगर सरकार को विश्वास मत का इतना ही अभिमान है तो गुप्त मतदान क्यों नहीं कराया।

इस दौरान असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी, पूर्व सीपीएस जिले राम सिंह, पूर्व विधायक सुलतान सिंह जड़ोला, त्रिलोचन सिंह, अनिल राणा, गुरप्रीत मल्ली चेयरमैन समेत अन्य स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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