यादव ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धनखड़, कांग्रेस विधायक किरण चौधरी, रघुवीर कादियान व सीताराम यादव को सौंपा ज्ञापन 

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल/चंडीगढ़। एसवाईएल के पानी को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाकर प्रधानमंत्री से मिलने को लेकर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करवाने को लेकर हरियाणा युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं अटेली विधानसभा से पूर्व विधायक नरेश यादव ने दक्षिणी हरियाणा के विधायकों को समर्थन-पत्र सौंपकर प्रस्ताव पारित करवाने की मांग की। नरेश यादव ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को समर्थन-पत्र सौंपकर एसवाईएल का पानी लाने की मांग। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस बात को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे और एसवाईएल के पानी को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह गंभीर है। इसके साथ ही उन्होंने बेरी से विधायक डॉ. रघुवीर कादियान, तोशाम से विधायक किरण चौधरी, अटेली से विधायक सीताराम यादव व फिरोजपुर झिरका (मेवात) से मामन खान को ज्ञापन सौंपकर विधानसभा में एसवाईएल के पानी की पुरजोर आवाज उठाने की मांग की। 

विधायकों को सौंपे समर्थन पत्र में नरेश यादव ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) हरियाणा की जीवन रेखा मानी जाती है। खासकर दक्षिणी हरियाणा की भूमि को एसवाईएल के पानी से सिंचित किया जा सकता है। मगर पिछले 3 दशकों से एसवाईएल के पानी पर केवल राजनीति हो रही है। हर मुख्यमंत्री एसवाईएल का पानी लाने का दावा करता है, जो हकीकत से पर है। मगर मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरियाणा के हक में फैसला दिया गया है। ऐसे में हरियाणा को अपना हक बड़े भाई पंजाब से मांगने में हिचक नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार के जरिए एसवाईएल के पानी को हरियाणा में लाया जा सकता है, इसके लिए सभी दलों को राजनीति छोड़कर एक मत से विधानसभा में सर्वदलीय बैठक बुलाने का प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहिए, क्योंकि दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किस आंदोलन में जिस तरह से हरियाणा के किसानों ने अपने बड़े भाई पंजाब के किसानों का आथित्य सत्कार किया है उससे वह भी हरियाणा को पानी देने के हक में हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूद समय में दोनों प्रदेशों के बीच जो अटूट भाईचारा स्थापित हुआ है, उसे एसवाईएल के पानी के एक उम्मीद जगी है, जिससे न केवल दक्षिणी हरियाणा से जल संकट दूर होगा बल्कि लाखों घरों तक पानी भी पहुंचेगा। जलसंकट के चलते फट रही धरती की भी प्यास बुझेगी। दक्षिणी हरियाणा के जिले भिवानी, रेवाड़ी, नारनौल, मेवात, पलवल, गुरुग्राम व चरखी-दादरी के हजारों गांवों की बजंर हो चुकी लाखों एकड़ भूमि लहलहा सकती है। 

यादव का कहना है कि अब हरियाणा और पंजाब के किसानों की समझ में आ गया है कि अब और लंबी एसवाईएल पर राजनीति नहीं होने दी जाएगी, क्योंकि दक्षिणी हरियाणा का एक बड़ा हिस्सा पानी की मार झेल रहा है। एक मात्र विकल्प केवल नहरी पानी है, जब तक एस वाई एल का निर्माण नहीं होता तो मेन भाखरा कैनाल से हाँसी बुटाना लिंक नहर के माध्यम से कम से कम १५०० कुसिक फ़ीट पानी छोडा जाना चाहिए। जिससे दक्षिण हरियाणा (अहिरवाल) की आख़िरी छोर तक कम से कम पीने के पानी की पूर्ति की जा सके। 

दक्षिणी हरियाणा का व्यवसाय कृषि व पशुपालन है। मगर पानी की उपलब्धता कम होने से दोनों ही व्यवसाय घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं।  जगह-जगह धरती फट रही है और कुंए सूख गए हैं। नए पानी के बोर के लिए हजारों फीट नीचे जलस्तर चला गया है, जिससे बोरवैल किसानों का लाखों रुपये खर्च हो रहा है और लाखों हेक्टेयर उपजाऊ धरती बंजर हो चुकी है।  इस बंजर भूमि को केवल सर्वसम्मति का प्रस्ताव पारित कर सिंचित किया जा सकता है।

इस अवसर पर कैप्टन सत्यप्रकाश मंदोला (भूतपूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष), सरदार अमरिंदर सिंह युवा अध्यक्ष (HYKSS), भिवानी से किसान युनियन के नेता मीर सिंह और हिमानी यादव मौजूद थे।

error: Content is protected !!