भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक आज गृह मंत्री अनिल विज ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार नहीं फैसले कर रही सरकार। प्रकरण था कि हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को एक्सटेंशन देने का। जिस पर अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग के अनुसार डीजीपी का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है, इसलिए अब लोक सेवा आयोग को सात सदस्यों के नाम का अलग से पैनल भेजना चाहिए। यह बात उन्होंने जुबानी नहीं कही, इसके लिए पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि मनोज यादव को 18 फरवरी 2019 को डीजीपी के पद पर लगाया गया था और यह पद दो वर्ष के लिए होता है। अत: 21 फरवरी 2021 को उनका कार्यकाल समाप्त हो जाता है। नियमों के अनुसार इस पद का कार्यकाल समाप्त होने से तीन माह पूर्व यूपीएससी को सूचित करना चाहिए तथा पैनल यूपीएससी को भेजना चाहिए। इस पत्र की आज सारा राजनैतिक हलकों में चर्चा रही। चर्चा में यह मुद्दा मुख्य रहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का आपस में तालमेल अच्छा नहीं है। इसकी बानगी समय-समय पर देखने को मिलती रही है। सीआइडी के प्रश्न पर तो विवाद बहुत बढ़ा था। चर्चा में यह भी बात भी निकलकर आ रही थी कि यह सब मोदी की लोकप्रियता घटने से हो रहा है। क्योंकि अब तक राजनेता मोदी के प्रभाव से डरकर सरकार के विरूद्ध आवाज नहीं उठाते थे। इस घटना से माना जा रहा है कि आने वाले समय में अन्य नेताओं द्वारा भी सरकार के कार्यों पर टिप्पणियां आ सकती हैं। जिसका असर हरियाणा सरकार को पांच मार्च से आरंभ हो रहे विधानसभा में होने वाले सत्र में दिखाई देगा। Post navigation प्रदेश में खेल सुविधाओं और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में कोई कसर नहीं रहेगी – उपमुख्यमंत्री ट्वीटर पर ही प्रभाव दिखता है गृहमंत्री जी का :माईकल सैनी