उपायुक्त डा. यश गर्ग ने आज निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का उद्घाटन किया

गरुग्राम 23 फरवरी। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने आज लघु सचिवालय स्थित सभागार  में निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का अपने कर-कमलो से उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कैंप में अपने नेत्रो की जांच भी करवाई।

इस मौके पर अपने विचार रखते हुए उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम के मण्डलायुक्त राजीव रंजन की परिकल्पना को अमलीजामा पहनाते हुए पूरे जिला में इस प्रकार के कैंप लगाए जा रहे हैं। लोगों के नेत्रों की निःशुल्क जांच करने के लिए जिला के शहरी क्षेत्रांे को अलग-अलग जोन में बांटते हुए कैंप लगाए जा रहे हैं।

डा. यश गर्ग ने कहा कि हमारा प्रयास है कि लोग अपने नेत्रों का ठीक प्रकार से रख-रखाव करें और यदि उन्हें आंखों या दृष्टि से संबंधित कोई समस्या है तो वे समय रहते इनकी जांच करवाएं। इन कैंप को लगाने का उद्देश्य है कि जिला में प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचते हुए उन्हें आंखो की देखभाल के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन पर नेत्र जांच के खर्चे का बोझ ना पडे़, इसके लिए उन्हें निःशुल्क आई ड्राॅप व ऐनक भी वितरित किए जा रहे हैं। उन्हांेने इस अवसर पर अरूणोदय चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम को अपनी शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में भी इसी तत्परता से काम करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे इन कैंपों में आकर इनका लाभ जरूर उठाएं। कैंप में उपायुक्त ने प्रत्येक टेबल पर जाकर वहां लोगो को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाआंे का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने अपने नेत्रों की निःशुल्क जांच भी करवाई।

इससे पूर्व अरूणोदय चैरिटेबल ट्रस्ट से डा. अरूण सेठी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ‘आई केयर गुरूग्राम‘ के तहत जोन-2 में पड़ने वाले प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो सहित आंगनवाड़ी केंद्रों सहित अन्य स्थानों पर लोगों की सुविधा अनुरूप ये कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जरूरत अनुसार मरीजो को निःशुल्क दवा वितरित की जाएगी और जिनके आंखों का आॅप्रेशन होना है उनका आधुनिक तकनीक से आॅप्रेशन किया जाएगा। स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी इस अभियान से जोड़ा जा रहा है और उन्हें निःशुल्क चश्में वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शिविर में रिफे्रक्टिव एरेर, कैट्रेक्ट, ग्लुकोमा, अंबल्योपिया जैसी बिमारियों की जांच की जा रही है।

 इस मौके पर उप सिविल सर्जन डा. ईशा नारंग तथा नेत्ररोग विशेषज्ञ डा. नीना गठवाल ने भी अपने विचार रखे। 

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