रेवाड़ी, 15 फरवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने सवाल किया कि जब स्थानीय सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह, एम्स संघर्ष समिति व पूरा क्षेत्र माजरा-मनेठी में एम्स बनाने को सहमत है और माजरा के किसान एम्स के लिए जमीन देने को तैयार है तो फिर मनेठी एम्स निर्माण में बाधा कौन डाल रहा है? विद्रोही ने कहा कि जब दक्षिणी हरियाणा के सभी स्टेक होल्डर की एम्स के प्रति सर्वसम्मत राय है और फिर भी मनेठी एम्स निर्माण में बाधा बताता है कि हरियाणा भाजपा खट्टर की नीयत में खोट है। यदि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की एम्स निर्माण के प्रति नीयत में खोट नही है तो वे जमीन मुआवजे के बहाने इस मुद्दे को क्यों अटकाकर विवादित बना रहे है। वहीं महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि जमीन मुआवजे के नाम पर किसानों से ही लचीला रवैया अपनाने व 50 लाख रूपये प्रति एकड मुआवजा मांगने की जायज बात को हठधर्मिता क्यों बताया जा रहा है? विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि मुख्यमंत्री खट्टर एम्स जमीन मुआवजे के नाम पर खुद हटधर्मिता का रवैया अपनाकर सुनियोजित ढंग से मनेठी एम्स मुद्दे को ना केवल लटका रहे है अपितु विवादित बनाकर भटका भी रहे है। क्या 1299 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले मनेठी एम्स जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्यं संस्थान के लिए हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार जमीन अधिग्रहण मुआवजे के लिए 4-5 करोड़ रूपये ज्यादा देकर एम्स जैसे दीर्घकालिक प्रभाव वाले स्वास्थ्य संस्थान को इतने लम्बे समय तक अटकाये रखना प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा व आमजनों के साथ खुली सरकारी धोखाधड़ी नही है? विद्रोही ने सवाल किया कि पूरे प्रदेश का समान विकास का दावा करने वाले खट्टर जी दक्षिणी हरियाणा के प्रत्येक विकास प्रोजेक्ट के लिए सौतेल व्यवहार क्यों करते है? वे इस क्षेत्र के लिए विकास कार्यो के बजट देने में इतना संकुचित व्यवहार अपनाकर राजनीतिक भेदभाव क्यों करते है? विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के लोगों से आग्रह किया कि वे गंभीरता से विचारे कि भाजपा को सबसे ज्यादा जनसमर्थन देकर दोबारा हरियाणा में भाजपा की सरकार बनवाने वाले अहीरवाल क्षेत्र के प्रति खट्टर जी का इतना सौलेला, भेदभावपूर्ण, उपेक्षापूर्ण रवैया क्यों है? Post navigation लोकसभा में शहीद हुए किसानों को श्रद्धाजंली दी तो भाजपा सांसदों ने शेम-शेम के नारे लगाये : विद्रोही जमीन पर सरकार के दावों व जमीनी हकीकत में दिन-रात का अंतर : विद्रोही