·         पलवल के गाँव अटोहां में चल रहे किसान धरने पर पहुंचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा. ·         किसानों की देशभक्ति पर सवाल उठाने की बजाय उन्हें सलाम करना चाहिए. ·         किसी भी कीमत पर शांति व अनुशासन बनाये रखें किसान. ·         किसानों को डराने की बजाय मनाने की कोशिश करे सरकार

चंडीगढ़, 20 जनवरी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज NH – 19 स्थित पलवल के गाँव अटोहां में चल रहे किसान धरने पर पहुंचे और किसानों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी और 15 अगस्त दोनों राष्ट्रीय पर्व हैं और हर भारतवासी को दोनों पर्व धूमधाम से मनाने का अधिकार है। देश के किसानों को भी इन राष्ट्रीय त्यौहारों को मनाने का पूरा अधिकार है। किसान देश का पेट भरते हैं और उनके बेटे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। किसी को भी किसानों की देश भक्ति पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, बल्कि अन्नदाताओं के जज्बे को सलाम करना चाहिए। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों को डराने की बजाय मनाने की कोशिश करे। डरकर मोर्चा छोड़ना न तो हिन्दुस्तान के जवान की फितरत है न ही किसान की फितरत है। इसलिए सरकार ये ग़लतफ़हमी अपने मन से निकाल दे कि वो उनकी मांगें नहीं मानेगी और किसानों को डराने में सफल भी हो जायेगी।

उन्होंने किसानों से अपील करी कि राष्ट्रीय पर्व पर किसी भी कीमत पर शांति व अनुशासन को भंग न होने दें। अगर शांति व अनुशासन भंग हुआ तो ये आंदोलन कमजोर पड़ जायेगा। अनुशासन-अहिंसा किसान आन्दोलन के दो सबसे बड़े हथियार हैं। लोकतंत्र में इस मार्ग से ही कोई संघर्ष सफल होता है। जिस समझ से आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों ने अब तक आंदोलन को पूर्णतः अनुशासन-अहिंसा के पथ पर रखा है उन्हें पूरा विश्वास है कि आगे भी उसी पर अडिग रहेगा और सरकार को अंततः किसानों की मांगें मानने पर मजबूर होना ही पड़ेगा, क्योंकि किसानों की मांगें जायज हैं। सरकार किसान के जज्बे को समझ नही पा रही है। सरकार अगर जिद्दी है तो अन्नदाता भी प्रतिबद्ध हैं। सरकार अगर तानाशाही पर उतारू है तो किसान भी शांतिपूर्ण सत्याग्रह पर अडिग हैं। सरकार के पास अगर सत्ता बल है तो किसान के पास भी अनुशासन और अहिंसा की ताकत है।  

दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि दिल्ली की सीमाओं सहित हरियाणा के कोने-कोने में किसान बेहद मुश्किल हालातों का सामना करते हुए धरना दे रहे हैं। हर रोज़ किसानों की कुर्बानी की खबर आती है। सरकार के उपेक्षात्मक रवैये से दु:खी होकर कल टिकरी बॉर्डर धरने में शामिल रोहतक के गांव पाकस्मा के किसान जयभगवान राणा ने आत्मबलिदान दे दिया। तो दूसरी ओर गांव साहूवाला, सिरसा के हरप्रीत सिंह की तबियत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें खून की उल्टियां होने लगी। उन्होंने रोहतक के किसान जयभगवान राणा को श्रद्धांजलि दी और अस्पताल में भर्ती सिरसा के किसान हरप्रीत सिंह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

ज्ञात हो कि सांसद दीपेंद्र हुड्डा नियमित तौर पर प्रदेश भर में जगह-जगह लगे किसान धरनों के साथ ही दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर चल रहे धरनों पर पहुंचकर आन्दोलनरत किसानों को कोई असुविधा न हो इसका भी खुद ख्याल रखते हैं। टिकरी बार्डर, सिंघु बॉर्डर पर चल रहे धरनों में उन्होंने पानी, शौचालय व्यवस्था, साफ-सफाई, फॉगिंग आदि इंतजामों का खुद मुआयना कर वहां जरुरी इंतजाम बढ़ाने के लिए स्थानीय विधायक व नगर निगम को जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने मानना है कि पानी तथा शौचालय किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता है। इसको उपलब्ध कराना न केवल सबका कर्तव्य है अपितु महान् पुण्य का कार्य भी है।

इस दौरान पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, विधायक नीरज शर्मा, विधायक मामन खान, विधायक मोहम्मद इलियास, पूर्व विधायक उदयभान, पूर्व विधायक रघुबीर तेवतिया, पूर्व विधायक ललित नागर, चौ. इसराइल सिंह, विजय प्रताप, लखन सिंगला, जगन डागर, सुभाष लाम्बा, संतोष बाला, कुञ्ज बिहारी, अरुण जैलदार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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