किसान आंदोलन : 18 को महिला किसान दिवस पर अब महिलाएं संभालेंगी मोर्चा

आंदोलनकारी महिलाएं बोली सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्णी र्दुभागयपूर्ण.  
खेडा बोर्डर पर महाराष्ट्र से 200 व कर्नाटक से 300 किसान महिलाएं.
महिलाओं सहित बच्चों व वृद्धों क साथे दिल्ली कूच का अडिग फैसला

फतह सिंह उजाला

दिल्ली-जयपुर-मुंम्बई नेशनल हाईवे पर अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी से लेकर राजसथान के शाहजहांपुर जयसिंहपुर खेडा बार्डर पर संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में रविवार को 36वें दिन भी कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर कर्नाटक , महाराष्ट्र व केरल के किसान पंहुचने पर अचानक मोर्चा में 5हजार से 6हजार की  संख्या हो गई है ।

राजस्थान महिला  राज्य अध्यक्ष चंद्रकला वर्मा, उपाध्यक्ष तारा छाया, महामंत्री डॉ सीमा जैन, संयुक्त मोर्चा एवं मेघवाल सभा की अध्यक्ष कमला देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश किसान यूनियनों ने आंदोलन से महिलाओं को जोड़ने के लिए 18 जनवरी को किसान महिला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंदोलनकारी महिलाओं पर कथित तंज कसने पर कि महिलाओं , बुर्जुगों व बच्चों को आंदोलन छोडकर घर जाना चाहिए। इसी ठिप्पणी पर आंदोलनकारी किसान परिवारों की महिलाओं ने दो टूक कहा कि ,  यह टिप्पणी महिलाओं , बच्चों व बुर्जगो का अपमान है । क्योंकि अनादीकाल से ही खेती , कृषि व मजदूरी में महिलाओं की भूमिका बराबर की रही है । सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से लग रहा है कि महिलाए खेती, कृषि, किसानी नही करती , इसलिए हम महिलाएं सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हंै ।

इसी अवसर पर किसान आंदोलन में 85 वर्षिय महिला पारा देवी, तारा घायल, बनारसी देवी, अनिता भावना, प्रतिभा चैधरी, कुलदीप, बाबू लाल, अनिल यादव, कुलदीप ढेवा, रसिद आंध्रप्रदेश, अमरजीत फौजी, राजबाला यादव, अब्दुल्ला मेवात आदि ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज भी आंदोलन में खेडा बोर्डर पर हाड को जमा देने वाली ठंड में भी 36वें दिन किसान जमकर बैठा है । हम सभी का कहना है कि जब तक केंद्र के काले कृषि कानून वापस नही होगें , तब तक किसान किसी भी कीमत में घर नही जाएगें । इस शीत परीक्षा में किसान की जीत निश्चित है और सरकार को झुकना ही होगा । आक्रोशित और भड़की महिलाओं ने कृषि कानूनो को वापस लेना होगा तथा किसान ऐकता जिंदाबाद के गगन भेदी नारे भी लगाए।

क्रमिक अनशन पर केरल, कर्नाटक, हरियाणा के किसानों ने अपनी हाजरी दर्ज कराई । वहीं कर्नाटक के किसानों के द्वारा कठपुतली का खेल दिखाते हुए सत्तासीन सरकार को आगाह किया कि, किसानों को घर और जमीन से बेघर नही करना , कारपोरेट घराने को अधिक आर्थिक लाभ पंहुचाने, शिक्षा व युवाओं को अधिक नुकसान पंहुचाने सहित किसान विरोधी कृषि कानूनों पर जमकर जहर भी उगला। वक्ताओं में पूर्व विधायक पैमाराम, छगन लाल चैधरी, रामेश्वर वर्मा हनुमानगढ किसान मजदूर नेता, पूर्व विधायक पवन दुगगल, कालू थोरी, हरफूल सिंह, डॅा० घासी राम चैधरी सीकर, कर्नाटक के किसान सभा अध्यक्ष केसी हरकेरप्पा, चैधरी बलबीर सिंह, जाट महासभा जिला अलवर अध्यक्ष प्रवीन ढिल्लो बनीपुर, डॉ० संजय माधव आदि अनेंको  किसान नेता शामिल रहें।  

24 घंटे के क्रमिक अनशन पर आंध्रप्रदेश के पी श्री निवास राव, के राजेशेखर, पी चलपति, राजस्थान के अजमेर जिला के गांव रावतमान लसानी गजेंद्र सिंह, केरल राज्य के मनोज के.सी, राजीव एमवी, रविंद्रणी अश्वनी सिहाब, हरियाणा के जिला भिवानी के गांव भेरा गांव निवासी अनील सांगवान, अखिल भारतीय किसान सभा के किसान नेता अनील खिचड़ गांव मिरान व हरियाणा के जिला भिवानी गांव मिरान के रवि सिहाग क्रमिक अनशन पर रहे । रविवार को खेडा बोर्डर पर कर्नाटक के किसानो द्वारा रंगारंग कठपुतली का खेल भाजपा सरकार पर व्यंगय कसते हुए दिखाया गया , जिसमें उपस्थित विभिन्न राज्यों के किसानों ने आंनंद लेते खूब तालियां बजाते हुए अपनी एकता और दृढ इच्छाशक्ति का अहसास कराया। पूर्व विधायक पवन दुगगल व पूर्व विधायक पैमा राम ने लंगर सेवा की कमान संभाली । सर्दी की चपेट से बचने के लिए गर्म चाय के प्याले और अलाव का बुर्जुगो ने सहारा लिया ।

हरियाणा के रागनी कलाकार जयसिंह चैहान चरखी दादरी ने अपनी रागनी के माध्यम से रेवाड़ी-धारूहेड़ा के बीच मसानी बैराज पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली जाने से पूर्व किसानों को जोशीली रागनी के माध्यम से सम्बोधित किया ।  उपस्थित किसान नेताओं में श्रीगंगानगर के सरदार राजू सिंह, बावल चैरासी के प्रधान सुमेर सिंह जेलदार, ईश्वर महलावत, महेंद्र ककरावत, रामकिशन महलावत किसान नेता, सुभाष नम्बरदार ने बताया कि कलाकार जयसिंह चैहान मसानी बैराज पर लगातार दो दिन किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मसानी बैराज पर अपनी रागनी टीम के साथ डटे रहेंगे।

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