• भाजपा सरकार अभिमान त्याग कर तुरंत किसानों की मांगों को स्वीकार करे• सरकार में बैठे लोगों को उकसाने वाली भाषा का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए• सरकार अपना व्यवहार बदले और प्रदेश को अराजकता की ओर न ढकेले• प्रजातंत्र में शांति व अनुशासन से बड़ा कोई हथियार नहीं होता चंडीगढ़, 10 जनवरी। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार अभिमान त्याग कर तुरंत किसानों की मांगों को स्वीकार करे और उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल न करे। सरकार में बैठे लोगों को याद रखना चाहिए कि जिस कुर्सी पर वो बैठे हैं उसे प्रजातंत्र में लोगों ने ही सौंपा है। प्रजातंत्र में जनभावना का सम्मान करना चाहिए। सरकार में बैठे हुए लोगों के रवैये ने आज जनता को बुरी तरह परेशान कर दिया है, ये कोई अच्छी बात नहीं है। सरकार जितना जल्दी किसानों की मांग मान ले उतना अच्छा है जिद पर अड़कर प्रदेश को अराज़कता की तरफ न धकेले। उन्होंने किसानों से भी अनुरोध किया कि वे अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से अनुशासन के साथ चलाएं, जैसा पिछले डेढ़ महीने से चला रहे हैं। प्रजातंत्र में शांति व अनुशासन से बड़ा कोई हथियार नहीं होता। दीपेन्द्र हुड्डा आज सोनीपत-दिल्ली बॉर्डर स्थित खरखौदा में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने बरोना रोड स्थित बाबा भोले दास अखाड़े का उद्घाटन किया। इसके बाद वे जोगेन्दर पहलवान अखाड़े में बतौर मुख्य अतिथि कुश्ती टूर्नामेंट में पहुंचे। इस दौरान यहाँ उन्होंने महान् स्वतंत्रता सेनानी चौ. रणबीर सिंह हुड्डा कुश्ती हॉल का उद्घाटन किया। उन्होंने समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार के समय पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पद, पैसा और प्रतिष्ठा दी गयी। जब भी हमारा खिलाड़ी कोई बड़ा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट जीतकर आता था तो कांग्रेस सरकार पद के साथ ही भरपूर पैसा और लाखों की हाजिरी में उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम करती थी। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि आज प्रदेश में ऐसी सरकार बनी है जो खेल-खिलाड़ियों के मान-सम्मान की तरफ तो असंवेदनशील है ही उसने पदक लाओ, पद पाओ जैसी खिलाड़ियों के हित की योजनाओं को भी बंद कर दिया। सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उनका रोजगार छीनने में लगी है। मौजूदा सरकार में कच्चे ही नहीं पक्के कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया जा रहा है। पिछले दिनों पीटीआई, फिर ड्राइंग टीचर और अब ग्रुप-डी में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती 1518 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार का काम नौकरी देना होता है, नौकरी छीनना नहीं। सांसद दीपेंद्र ने बताया कि हाल ही में सीएमआईई यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि हरियाणा बेरोजगारी में फिर से टॉप पर है। दिसंबर महीने की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा में बेरोजगारी दर 32.5 प्रतिशत है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। इसका मतलब है कि प्रदेश में हर तीन में से एक हरियाणवी बेरोजगार है। ये पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर से करीब 4 गुना ज्यादा है। मौजूदा सरकार ने हरियाणा को अपराध, दंगे, नशे और बेरोजगारी में टॉप पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने खिलाड़ियों के हित की खेल नीति बनाकर हरियाणा को खिलाड़ियों की खान बना दिया था। इस अनूठी खेल नीति के तहत उन्होंने गांव-गांव में खेल स्टेडियम तैयार कराये। खिलाड़ियों को सुविधाएं मुहैया करायी, उन्हें प्रोत्साहित किया। इसका परिणाम ये रहा कि हरियाणा के खिलाड़ियों ने कांग्रेस सरकार के दौरान पदकों से देश की झोली को भर दिया था। इसका श्रेय हमारे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, लगन के साथ ही चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार की खेल नीति को भी जाता है। हुड्डा सरकार के समय पदक लाओ पद पाओ की नीति के तहत लगभग 79 डीएसपी और करीब 500 इंस्पेक्टर, सब-इंस्पैक्टर सीधे भर्ती किये गये थे। Post navigation भाजपा के गुंडों द्वारा पुलिस से डंडे छिन कर किसानों पर किया गया हमला : अभय सिंह चौटाला पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर ई डी की रेड