o   सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों के ट्रैक्टर मार्च को दिया पूर्ण समर्थन. o   शांति और अनुशासन किसी भी आंदोलन के सबसे बड़े हथियार. o   ट्रैक्टर मार्च में भारी संख्या में ट्रैक्टरों के आने की संभावना, शांति व अनुशासन बनाये रखें किसान. o   सरकार को किसानों की बात माननी तो पड़ेगी ही, बेहतर होगा कि समय रहते उनकी मांगे स्वीकार करे, ताकि और किसानों को अपनी जान न गंवानी पड़े। 60 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके

चंडीगढ़, 6 जनवरी। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों के ट्रैक्टर मार्च को अपना पूर्ण समर्थन दिया और किसानों से अपील करी कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों के आने की संभावना है, इसलिये शान्ति व अनुशासन बनाये रखना बहुत जरुरी है, जिससे कि इतने बड़े मार्च में कोई दुर्घटना न हो। किसान अपने ट्रैक्टरों को एक दूसरे से सुरक्षित दूरी पर रखें। आपस में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ न लगाएं। शांति और अनुशासन के साथ सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए अपना संघर्ष जारी रखें। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को किसानों के आगे झुकना ही पड़ेगा, क्योंकि उनकी मांगें जायज हैं। सरकार के लिये बेहतर यही रहेगा कि वो समय रहते किसानों की मांग मान ले। ताकि आगे और किसानों को अपनी जान न गंवानी पड़े। अब तक करीब 60 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। मानव जीवन अमूल्य है, सरकार जितनी जल्दी किसानों की मांग मान लेगी उतना ही अच्छा रहेगा।

उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 42 दिन से शांतिपूर्ण किसान आंदोलन चल रहा है। सरकार की घोर उपेक्षा के बावजूद किसानों ने अपना संयम नहीं खोया और लोकतांत्रिक दायरे में अपना आंदोलन चला रहे हैं। 60 से ज्यादा किसानों के बलिदान के बावजूद किसान बिना किसी उत्तेजना के अपने हक के लिये डटे हुए हैं। उन्होंने सरकार को चेताया कि किसानों के संयम को उनकी कमजोरी न समझे। बल्कि सरकार को तो किसानों का आभारी होना चाहिए कि इतनी बड़ी संख्या में जान गंवाने के बाद भी उन्होंने शांति को कायम रखा। सरकार को समझना चाहिए कि अनुशासन कमजोरी नहीं ताकत होती है। प्रजातंत्र में किसी भी आंदोलन का सबसे बड़ा हथियार शांति और अनुशासन है।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल द्वारा किसान संघर्ष में अपनी जान क़ुर्बान करने वाले किसानों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद के निर्णय पर धन्यवाद किया। साथ ही, उन्होंने भाजपा सरकार से अनुरोध किया कि वो पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार द्वारा कंडेला शहीदों की तर्ज पर किसान आंदोलन में बलिदान देने वाले किसानों को शहीद का दर्जा, परिवार को आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी देने की घोषणा करे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि मौजूदा भाजपा सरकार ऐसा नहीं करती है तो कांग्रेस सरकार बनने पर इसे लागू किया जायेगा।

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