चरखी दादरी जयवीर फोगाट, विपरीत मौसम में भी आंदोलन में शरीक किसानों का हौंसला कम नहीं हुआ है। कल दोपहर से रुक रुक हो रही बारिश और आज जोरदार बौछार ने व्यवधान जरूर डाला उसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान कितलाना टोल पर अनिश्चित कालीन धरने के बारहवें दिन पहुंचे। उन्होंने सरकार के साथ आठ दौर की बातचीत सिरे ना चढ़ने और किसानों की मांगें ना माने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी लगाते हुए प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप फौगाट के प्रधान बलवंत नंबरदार, खाप 25 श्योराण सर्वजातीय के प्रधान बिजेंद्र बेरला, चौधरी छोटूराम और अम्बेडकर मंच के संयोजक बलवीर बजाड़, किसान सभा के प्रताप सिंह सिंहमार, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह, सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के रत्तन जिंदल, भारतीय किसान यूनियन के राकेश आर्य के संयुक्त संयोजन में दिए जा रहे अनिश्चित कालीन धरने के बारहवें दिन भी टोल फ्री रहा। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार अहंकार की सभी सीमाएं पार कर चुकी है। कल की बातचीत ने सिद्ध कर दिया कि सरकार का देश के किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारियों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। प्रधानमंत्री देश को कॉरपोरेट जगत के हवाले करना चाहते हैं जो आमजन को स्वीकार्य नहीं है। यही वजह है कि किसान आंदोलन को सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। आगामी कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए संयुक्त अध्यक्ष मंडल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान परेड के लिए प्रत्येक गांव से ट्रैक्टर रेजिस्ट्रेशन में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि 6 जनवरी को केएमपी पर होने वाली ट्रैक्टर यात्रा में जिले से भी बड़ी संख्या में किसान भाग लेंगे। जिले भर से किसान 7 जनवरी को शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचेंगे। उनके अनुसार 13 जनवरी को मकर सक्रांति के दिन तीनों काले कानूनों की प्रतियां सभी धरना स्थलों पर जलाई जाएंगी। उसके बाद 18 जनवरी को महिलाओं द्वारा प्रदर्शन होगा और 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा। इसी दिन हरियाणा के राज्यपाल का चंडीगढ़ में किसानों द्वारा घेराव किया जाएगा। इस अवसर किसान नेता गंगाराम श्योराण, मास्टर शेर सिंह, राजू मान, सरपंच आंनद पैंतावास खुर्द, प्रीतम चेयरमैन, नरदेव अटेला, रत्तन सिंह, कप्तान चन्द्र सिंह, शमशेर फौगाट, सुरेश फौगाट, संदीप गिल, प्रमोद डोहकी, मंगल सुई, बलजीत फौगाट, सुशील धानक, दिलबाग ढुल, इंद्र राणा, अजित सिंह फौजी, रतन्नी, मूर्ति देवी, सूबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र फौजी इत्यादि मौजूद थे। Post navigation मेडिकल कॉलेज के धरने को जाटू लुहारी, प्रेमनगर व तिगड़ाना गांवों के ग्रामीणों ने दिया समर्थन आंदोलन में बैठे किसानों के लिए भिवानी से 101 रजाई भिजवाई