किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रही है सरकार की अनदेखी- हुड्डाहम किसानों के मुद्दे पर लाना चाहते हैं अविश्वास प्रस्ताव, सामना करने से डर रही है सरकार- हुड्डाहमने मुख्यमंत्री से नहीं, राज्यपाल से की थी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग- हुड्डामुख्यमंत्री नहीं चाहेंगे कि उनके ख़िलाफ़ आए अविश्वास प्रस्ताव, इसलिए संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करके राज्यपाल बुलाएं विशेष सत्र- हुड्डा 27 दिसंबर, रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंदोलन के दौरान रोज़ हो रही किसानों की मौत पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश का अन्नदाता कड़कड़ाती ठंड में अपना घर छोड़कर सड़कों पर बैठा है। आंदोलनकारियों की सारी मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। बावजूद इसके सरकार लगातार आंदोलन की अनदेखी कर रही है। सरकार की ये अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है। रोज़ किसी ना किसी किसान की धरना स्थल पर मौत हो रही है। कई किसान आत्मबलिदान कर चुके हैं। इस आंदोलन में अबतक करीब 40 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में सरकार को संवेदनशीलता और गंभीरता से किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों को मानते हुए आंदोलन ख़त्म करवाना चाहिए। रोहतक में पत्रकारों से बातचीत कर रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मौक़े पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की टिप्पणी का जवाब भी दिया। हुड्डा ने कहा कि हम किसानों के मुद्दे पर विधानसभा में सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। क्योंकि ये सरकार जनता और अपने विधायकों का विश्वास खो चुकी है। हर वर्ग आज सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर है और कई निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। किसान बनाम सरकार की इस लड़ाई में गठबंधन सहयोगी जेजेपी के कई विधायकों ने भी किसानों के समर्थन की बात कही है। सिर्फ विपक्ष ही नहीं प्रदेश की जनता भी किसानों के मुद्दे पर हरेक विधायक के स्टैंड बारे जानना चाहती है। जनता को पता होना चाहिए कि आज उनके प्रतिनिधि आज किसानों के साथ खड़े हैं या कुर्सी के साथ। हुड्डा ने कहा कि अगर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव आता है तो ख़ुद सत्ता सहयोगी सरकार के ख़िलाफ़ मत डालेंगे। लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री का कहना है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि विपक्ष के पास कोई ख़ास मुद्दा नहीं है। इसके जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का अन्नदाता सड़कों पर है। वो दिल्ली बॉर्डर समेत पूरे हरियाणा में सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहा है। क्या किसानों के इतने बड़े आंदोलन को प्रदेश सरकार मुद्दा नहीं मानती? क्या रोज़-रोज़ हो रही किसानों की शहादत को सरकार मुद्दा नहीं मानती? किसी भी सरकार के लिए भला इससे बड़ा मुद्दा और क्या हो सकता है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ना कि मुख्यमंत्री से। क्योंकि राज्यपाल के पास ऐसा की करने का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से इस मांग को ख़ारिज करना बताता है कि उन्हें ख़ुद अपनी सरकार और विधायकों पर भरोसा नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि उसके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव आए। ऐसे में हमने सीधे राज्यपाल से अपील की थी कि वो प्रदेश के किसानों की स्थिति और राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करें और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं। Post navigation ओपन यूथ फेस्टिवल में नाटकों की समय सीमा कम करने से कलाकारों में भारी रोष किसानों को समर्थन देने धरना स्थल पर पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सुनिए क्या कहा