20 दिसम्बर 2020, – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में फूट डालने व पंजाब-हरियाणा के किसानों को बाटने के लिए सत्ता दुरूपयोग से भाजपा ने शनिवार को एसवाईएल नहर निर्माण के नाम पर जो कथित उपवास की भोंडी, हास्यास्पद नौटंकी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर की है, उससे ना केवल भाजपा-संघीयों का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है। वहीं एसवाईएल नहर निर्माण के प्रति उनकी गंभीरता की भी पोल खुल गई है।

विद्रोही ने कहा कि गांधीजी के सत्याग्रह, उपवास को भी संघीयों ने एक हास्यास्पद नौटंकी में बदल दिया। एसवाईएल के नाम पर कथित उपवास से पहले जिस तरह भाजपा सांसदों, विधायकों का भारी भरकम नाश्ता करते हुए वायरल वीडियो में उपवास का मजाक आपसी चर्चा में उड़ाते हुए ठूंस-ठंूस पर नाश्ता गपागप कर रहे थे, वह बताता है कि यदि यही उपवास है तो ऐसा उपवास तो देश के 138 करोड़ नागरिक रोज करते है और करते रहेंगे। वहीं भाजपा के कथित उपवास में कहीं भी किसानों ने भाग नही लिया। पूरे प्रदेश में मुठ्ठीभर संघी कार्यकर्ता पुलिस के साये में भौंडी उपवास की नौटंकी करते नजर आये।

  विद्रोही ने कहा कि भाजपा की यह नौटंकी भी ज्यादा देर तक टिक नही पाई। अनेक स्थानों पर किसानों के भारी विरोध के कारण संघीयों को अपना कथित उपवास छोडकर भागना पड़ा और अन्य स्थानो पर घंटे दो घंटे मुठ्ठीभर संघी बैठे और मीडिया फोटो खिंचवाएं और फिर चलते बने। भाजपा के सांसद, विधायकों, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं का उक्त आचरण बताता है कि वे एसवाईएल के प्रति कितने गंभरी है। वहीं किसानों ने संघीयों का उपवास स्थल से भागकर जता दिया है कि भाजपा-संघीयों की किसानों को बाटने व लडाने के षडयंत्र में कामयाब नही होने वाले।

विद्रोही ने कहा कि जनवरी 2002 में सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार पंजाब में अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर निर्माण केन्द्र सरकार को सेना की निगरानी में केन्द्रीय सीमा सडक़ संगठन से करवानी चाहिए। वर्ष 2017 के बाद इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट नेे पंजाब द्वारा निर्माण में अटकाये गए रोड़े भी हटा दिये, फिर हरियाणा भाजपा सरकार केन्द्र की मोदी सरकार से एसवाईएल नहर निर्माण सेना की निगरानी में करवाने की बजाय कथित उपवास नौटंकी करके किसे मूर्ख बनाना चाहती है? वहीं केन्द्र को सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार एसवाईएल नहर निमार्ण करने से कौन रोक रहा है?

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