पिछले 20 दिन में आंदोलन से जुड़े 7 लोगों की मौत हो चुकी है

झज्जर. किसानों के हित में संघर्षरत एक और किसान ने झज्जर के टिकरी बॉर्डर पर वीरवार को मौत हो गई. भटिंडा के नथाना ब्लॉक निवासी जय सिंह टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल था. वीरवार सुबह जब वह नहीं उठा तो साथी किसानों ने चिकित्सक को बुलाया. मृत घोषित होने पर जय सिंह के शव को शहर के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया गया. मृतक की पहचान 37 वर्षीय जयसिंह के रूप में हुई है, जो बठिंडा के गांव तुंगवाली का रहने वाला है. वह हरियाणा के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर पर डटा हुआ था. दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई.

पिछले 20 दिन में आंदोलन से जुड़े 7 लोगों की मौत हो चुकी है. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान 27 नवंबर को टीकरी बार्डर पर आ डटे है. इसके अगले ही दिन 28 नवंबर को यहां बाईपास पर कार में जलने से सहायक मैकेनिक जनकराज की मौत हो गई थी. जबकि 29 नवंबर की रात को तबीयत बिगड़ने से गज्जन सिंह की जान चली गई. फिर बीमार होने से गुरजंट, मेवा सिंह और लखबीर की जान चली गई। पांच दिसंबर को भी एक किसान की मौत हुई थी लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी.

आढ़ती के मुनीम की मौत

वीरवार 10 दिसंबर की रात को सीने में दर्द उठने के बाद आढ़ती के मुनीम कृष्ण लाल की मौत हो गई. वीरवार सुबह करीब 37 वर्षीय जय सिंह पुत्र कुलदीप निवासी भटिंडा पंजाब की हृदयघात से मौत हो गई. उसके 14, 12 और 10 साल के तीन बच्चे हैं. इसके अलावा जींद निवासी 38 वर्षीय देवेंद्र सिंह को भी वीरवार का धरना समाप्त होने से पहले श्रद्धांजलि दी गई.
संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली

वहीं बुधवार रात को कुंडली बॉर्डर पर 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. वे करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे. सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे. उन्होंने गुरुमुखी में एक सुसाइड नोट छोड़ा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है.

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