· सरकार किसानों से टकराव का रास्ता छोड़ तीनों कृषि बिलों को रद्द करे- अरोड़ा. · – जो किसान सत्ता देना जानते हैं, वे छीनना भी जानते हैं- पूर्व स्पीकर चंडीगढ़, 15 दिसम्बर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता, हरियाणा के पूर्व स्पीकर व पूर्व परिवहन मंत्री अशोक अरोड़ा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वे किसानों से टकराव का रास्ता छोड़ कर तीनों कृषि बिलों को तुरंत रद्द करे। आज चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों से किसानों के साथ साथ आम गरीब आदमी भी तबाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन बिलों का ड्राफ्ट सरकार ने नहीं, बल्कि कार्पोरेट घरानों ने तैयार कर के दिया था और केंद्र सरकार इसी लिए इन बिलों को वापिस लेने से हिचकिचा रही है। पूर्व स्पीकर ने कहा कि इसी कारण बड़े बड़े ओधोगिक घरानों ने बिल बनने से पहले ही सेंकड़ों एकड़ जमीनें खरीदनी शुरू कर दी थी। श्री अरोड़ा ने कहा कि आज कड़कती सर्दी में लाखों किसान पिछले 20 दिन से खुले आसमान के नीचे पड़े हैं और एक दर्जन से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। भाजपा सरकार किसान की बात मानने की बजाय मामला लटका रही है और हठधर्मीं अपनाए हुए हैं। श्री अरोड़ा ने सरकार को चेताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पीएम और सीएम लोगों ने बनाया है, किसी अंबानी या अडानी ने नहीं बनाया है। जो जनता प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाना जानती है, वह उन्हें गद्दी से उतारना भी जानती है। पूर्व स्पीकर ने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में प्रभावित रोजगार गंवा चुके मजदूरों, पैदल जा रहे गरीबों, बीमारी से जूझ रहे लोगों के हित में कोई बिल लाने की बजाय कृषि क्षेत्र को बड़े पूंजीपतियों के हवाले करने का षड्यंत्र रचने का काम किया । श्री अरोड़ा ने कहा कि सरकार अब किसानों के आंदोलन को बदनाम करने और उन्हें कमजोर करने के लिए किसानों को कभी उद्रवादी, कभी नक्सलवादी बताते हैं, कभी विदेशी फंडिंग तो कभी जात-पात के नाम पर बांटने का प्रयास करते हैं और जब इस में सरकार सफल नहीं हुई तो अब भाजपा सरकार कभी नकली एनजीओ खड़े करती है तो कभी एसवाईएल का मुद्दा उठा कर आंदोलन को बांटने का प्रयास कर रही है। श्री अरोड़ा ने कहा कि एसवाईएल का फैसला 10 नवम्बर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब विधान सभा द्वारा पारित नदी जल समझौता रद्द करने वाले प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था। चार साल इन्होंने कुछ नहीं किया अब किसानों को बांटने के लिए ये मुद्दा उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे हथकंडे अपनाने की बजाय तुरंत कृषि बिलों को वापिस ले। श्री अरोड़ा ने हरियाणा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि किसान अपनी बात रखने के लिए दिल्ली जा रहे थे, लेकिन विश्व में पहली बार किसी सरकार ने रास्ते रोके, सड़कें खोदी, सर्दी में किसानों पर पानी की बौछारें मारी और आँसू गैस के गोले छोड़े गए। ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने चाहिए। उन्होंने जेजेपी नेताओं व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वे चौधरी देवी लाल के वंशज होने का दम भरते हैं तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देकर सरकार से बाहर आकर किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए, अन्यथा आने वाले समय में प्रदेश की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। Post navigation 190 ग्राम हेरोइन सहित आरोपी काबू धारूहेड़ा नगरपालिका में चेयरमैन के साथ-साथ सभी वार्डों में होंगे जेजेपी के उम्मीदवार – स. निशान सिंह