चंडीगढ़,30 नवंबर। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा किसान आंदोलन के खुलकर समर्थन में आ खड़ा हुआ है। संघ ने किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी व सिंघू बार्डर पर डेरा जमाए किसानों के लिए मेडीकल कैंप लगाकर स्वास्थ्य साहयता प्रदान करने और आवश्यकता अनुसार सीटू एवं किसान सभा के साथ मिलकर खानें की व्यवस्था करने का फैसला लिया है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने 3 दिसंबर को किसानों के आंदोलन के समर्थन में प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन करने का भी फैसला किया है। यह फैसला सोमवार को प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारिणी की आयोजित आन लाइन मीटिंग में लिया गया। बैठक से पहले सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के एक शिष्टमंडल ने राज्य उप महासचिव सबिता मलिक के नेतृत्व में टिकरी बार्डर का दौरा किया।

किसानों से मुलाकात करने के उपरांत ही यह निर्णय लिया गया। महासचिव सतीश सेठी द्वारा संचालित मीटिंग में मोदी सरकार द्वारा कारपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए संसद में जबरन तरीके से पारित किए गए तीन कृषि बिलों के किसानों एवं आम जनता पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी देने और किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए सभी विभागों एवं शहरों व कस्बों में सभाएं आयोजित करने का भी फैसला लिया गया। इन सभाओं के माध्यम से सरकार के किसान आंदोलन के प्रति रवैए का बखान करते हुए किसान आंदोलन के प्रति जनसमर्थन जुटाने का काम किया जाएगा।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कर्मचारियों व मजदूरों के आंदोलन का किसानों ने हमेशा सहयोग एवं समर्थन दिया है। इसलिए अब कर्मचारियों और मजदूरों की बारी है और अब किसान आंदोलन का तन-मन-धन से सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्टÑीय किसान मोर्चा, किसान व कर्मचारी विरोधी और बिजली वितरण को निजी घरानों को सौंपने के लिए बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने की भी मांग भी उठा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मांग कर्मचारी व किसानों की सांझी है, इसलिए आंदोलन भी सांझा है। उन्होंने कहा कि अगर बिजली बिल 2020 संसद में पारित किया तो बिजली किसान व गरीब की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। इसलिए इसका विरोध करना आवश्यक है। बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा सशर्त बातचीत करने की घोर निन्दा की गई और बिना शर्त खुले दिल से बातचीत करने की मांग की गई।