–कमलेश भारतीय मनुष्य अगर ठान ले तो क्या नहीं कर सकता? कुछ भी नहीं है मुश्किल अगर ठान लीजिए । एक लाइफ कोच यह बात समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब हम यह कहते हैं कि मैं यह नहीं कर सकता तब हम अपने मन व आत्मा की शक्ति को नकार रहे होते हैं । उनका कहना है कि असफलता को भोगे बिना सफल नहीं है सकते । असफलता में बहुत से पाठ छिपे रहते हैं । असफलता की सीढ़ियां ही सफलता तक ले जाती हैं । आप अपने अंदर छिपी शक्तियों को टटोलें तो शक्ति का ऐसा पुंज मिलेगा जो आपको सफलता दिला देगा । मैं अपना छोटा सा उदाहरण दूं । एक समाचार पत्र से जुड़ा हिसार देख रहा रहा था । सन् 2000 के बाद से नये नये अखबार और चार चार पेज के सिटी संस्करण आए तो हमारे अखबार की प्रसार संख्या टर असर पड़ा । विज्ञापन भी उन्हीं अखबारों के खाते में जाने लगे । मैं विज्ञापन का जिम्मेदार नहीं था लेकिन जब धरती पांव के नीचे से खिसकने लगी तब मैंने मन में कहा कि मैं क्या नहीं कर सकता और विशेष संस्करण निकालने शुरू किये जो बिल्कुल हट कर थे । हरियाणा में होने वाले युवा समारोहों में निर्णायक के तौर पर जाता था और महाविद्यालयों में होने वाले युवा समारोहों पर केंद्रित किये ये संस्करण । सभी महाविद्यालयों ने खुशी खुशी मेरा साथ दिया और इतने पैसे एकत्रित कर दिये जो विज्ञापन के विशेषज्ञ नहीं कर पाए । मैं क्या नहीं कर सकता ? जब जब मेरा मन कहता है कि क्या करूं ? तब तब अंदर से , आत्मा से आवाज़ आती है कि मैं क्या नहीं कर सकता? एक लेखक हूं । जानता हूं कि प्रकाशित पुस्तकें पढ़ने वाले कम होते जा रहे हैं लेकिन मैं पुस्तक प्रकाशित कर निकलता हूं और पाठक तक पहुंचाता हूं । यादों की धरोहर के दो दो संस्करण पहुंचा दिए । क्या नहीं कर सकते आप ? अर्नेस्ट हेमिंग्वे की बात मेरा मूलमंत्र है -ए मैन इज नाॅट मेड फार डिफीट । ही मे बी डेस्ट्रायड बट ही कांट बी डिफीटिड । मैं अपराजेय हूं । हार नहीं मानूंगा । गुच्छे की आखिरी चाबी तक लगा कर देखूंगा । तभी तो स्वामी विवेकानंद की सीख याद रहती है -नाॅक टाल दी डोर ओपन । तब तक दरवाजा खटखटाओ , जब तक कि खुल नहीं जाता । खटखटाते रहो दरवाजा । यह कोशिश चलती रहनी चाहिए और कहते हैं न कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती । जो मन से हार गया वह हार है । मन जीते जगजीत । मन से जग जीतने को सामर्थ्य है हम सब में ।आइएइतनी शक्ति हमें देना दातामन का विश्वास कमजोर हो न ,,, Post navigation पिछड़ा वर्ग-ए को पंचायतीराज में 8 प्रतिशत आरक्षण देने पर मुख्यमंत्री का सामूहिक अभिनंदन हे अन्नदाता बनोगे भाग्य-विधाता?