25 नवम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने तीन काले किसान कानूनों के विरोध में 26 नवम्बर के किसानों के दिल्ली कूच कार्यक्रम को असफल बनाने खातिर कोरोना संक्रमण बहाने हरियाणाा भाजपा-जजपा सरकार द्वारा पंजाब व हरियाणा के किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा-दिल्ली बार्डर व पंजाब-हरियाणा बार्डर सील करने के अलोकतांत्रिक कदम की कठोर आलोचना करते हुए इसे किसानों की आवाज को दबाने की पराकाष्ठा बताया। विद्रोही ने कहा कि किसानों के दिल्ली कूच कार्यक्रम को असफल बनाने भाजपा-जजपा सरकार सत्ता दुरूपयोग की सभी हदे पार कर रही है। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर पुलिस रात में किसानों के घरों में इस तरह छापे मारकर गिरफ्तार कर रही है कि मानो वे आतंकवादी हो। हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार का किसानों के प्रति ऐसा दमनात्मक रवैया ना केवल अलोकतांत्रिक है अपितु उनके संवैद्यानिक अधिकारों पर डाका भी है। सरकार के किसी भी कानून, नीति, कार्यक्रम का विरोध करने का हर नागरिक को अधिकार संविधान ने दिया है जिसे कोई भी सरकार किसी भी हालत में नही छीन सकती। मोदी-भाजपा-खट्टर सरकार कितनी किसान विरोधी है, यह इसी से पता चलता है कि पिछले वर्ष अहिंसा के पूजारी गांधीजी की जयंती पर दिल्ली-यूपी बार्डर पर मोदी पुलिस ने लाठिया बरसवाई व अब हरियाणा में किसान मसीहा सर छोछूराम की जयंती पर किसानों को आतंकवादी की भंाति गिरफ्तार करवाया गया। विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार के तीन काले किसान कानूनों के खिलाफ 26 नवम्बर का किसान दिल्ली कूच कार्यक्रम किसी भी तरह असंवैद्यानिक व गलत नही है। इसे दमन से रोकना किसानों की आवाज दबाना है। मुख्यमंत्री खट्टर का यह कहना कि किसान कानूनों का विरोध हरियाणा के हितों के खिलाफ है, यह गैरजिम्मेदाराना व सत्ता अहंकार का बयान है। विद्रोही ने हरियाणा के आमजनों से अपील की कि वे भाजपा सरकार द्वारा किसानों के किये जा रहे दमन का कडा विरोध करे व किसानों के दिल्ली कूच कार्यक्रम में उनका हरसंभव सहयोग करे। Post navigation सर छोटूराम के किये गए कार्य इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है किसान आंदोलन से घबराई सरकार?