-कमलेश भारतीय

यह एक नया हादसा होने जा रहा है जैसा हादसे सुशांत सिंह राजपूत के मामले में हुआ । कितना शोर कि जस्टिस फाॅर सुशांत और निकला यह कि रिया चक्रवर्ती को जमानत मिल गयी । कहीं कोई पत्ता तक नहीं हिला । सब चैनल्ज की टीआरपी गिर गयी और टीआरपी बढ़ाने के लिए भी खेल सामने आया । हां , मुम्बई की फिल्मी दुनिया जरूर बंट गयी या इसका विभाजन खुल कर सामने आ गया । जया भादुड़ी और,रवि किशन क्या उलझे , कंगना भी खनखनाई और जया प्रदा भी पुराने हिसाब चुकता करने आ गयी । ड्रग माफिया भी उजागर हुआ पर मुम्बई अपनी चाल से , मस्ती से चलती जा रही है । सुशांत ने आत्महत्या की यह बात एम्ज ने साबित की । पुलिस कमिश्नर दहिया ने भी कसर न छोड़ी और अर्णब के चैनल पर कार्यवाही शुरू कर दी । पहले भी रिपोर्टर अनुज , कैमरामैन और ड्राइवर को जेल की हवा खानी पड़ी ।

अब हाथरस की मनीषा बाल्मीकि का केस भी नये मोड़ लेने जा रहा है । पुलिस और जिला प्रशासन पहले दिन से इसे रेप की बजाय आपसी दुश्मनी का केस साबित करने में लगे हैं । परिवार पर डोरे डाले जा रहे हैं और धमकाया भी जा रहा है । परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट में दुहाई दे रहा है कि हमें प्रशासन की कैद से मुक्त करवा दो । मामला आपसी दुश्मनी का बनाने और साबित करने पर तुले गये हैं । जेल से रेप कांड के आरोपी की चिट्ठी लिखवाकर जारी की गयी है कि हमें फंसाया जा रहा है । क्या किसी और जेल से किसी कैदी ने कभी ऐसी चिट्ठी लिखी है ? सब षड्यंत्र जैसा लग रहा है ।

यूपी सरकार की साख बचाने के लिए इतना बड़ा झूठ रचा जा रहा है और बदले में राजस्थान के रेप केस को उठा कर भाजपा ध्यान बंटवाने की फिराक में है । रेप राजस्थान में भी हुआ होगा । कोई शक नहीं लेकिन याद तब आया जब यूपी सरकार की इमेज धरातल में समाने लगी । बंगाल में अलग तरह की राजनीति । यह किस देश के हम वासी हैं ? आखिर लोकतंत्र का इतना गला क्यों घोंटा जा रहा है ? हाथरस में क्यों परिवार पर लगातार दबाव बनाया जा,रहा है कि इसे आपसी दुश्मनी मान लो नहीं तो आपके ऊपर ही इसे मारने का आरोप जड़ देंगे । डी एम कह गये न कि कोरोना से मरती तो क्या कोई पच्चीस लाख दे देता ? फिर क्या और किसकी पुंजड़ पाड़ लेते ? कितना दुखदायी रवैया प्रशासन का । इसीलिए मां कह रही है कि कम से कम हमें न्याय तो दे दो । क्या हम अपनी बेटी को अपने ही हाथों मार सकते हैं? वीडियो को भी नहीं मान रहे जिसमें मनीषा ने बयान दिया है रेप की बात कही है । सब झूठा । बस । प्रशासन सच्चा ।
दिल को देखो
चेहरा न देखो ।
चेहरे ने लाखों को लूटा ।
दिल सच्चा और चेहरा झूठा ।
परिवार की सुनो । प्रशासन की चालाकियों को समझो ।

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