पुनहाना, कृष्ण आर्य

सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेशों व किसान बिल के विरोध में पुनहाना से कांग्रेस विधायक मोहम्मद इलियास ने अपने अनाज मंडी स्थित आवास पर एक किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा लागू किए गए अध्यादेश की कड़ी निंदा करते हुए जहां इसे किसान विरोधी बताया, वही उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला। इस अवसर पर उन्होंने हाथरस की गैंगरेप पीड़िता के समर्थन में भी सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की।       

पूर्व मंत्री व पुनहाना से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने मोहम्मद इलियास ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत देश एक कृषि प्रधान देश है। यहां बिना किसान के ना तो देश का गुजारा चल सकता है। और ना ही नेताओं का। किसान इस देश की रीड की हड्डी है, परंतु आज भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान ही उपेक्षित हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश से जहां किसान को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, वही किसान के भूखे मरने तक की भी नौबत आ सकती है। उन्होंने कहा कि अध्यादेश व किसान बिल के माध्यम से सरकार अपनी मनमानी करने पर तुली हुई है। अगर अध्यादेश इतने ही सही हैं तो सरकार को लागू करने की क्या जल्दी थी। जो उन्होंने पिछले दरवाजे से लोकतंत्र का गला घोटते हुए तीनों अध्यादेश लागू कराए।

विधायक मोहम्मद इलियास ने कहा कि भाजपा के राज में आज अपराधी तत्व हावी हैं। जिसके परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित बेटी का खुलेआम गैंगरेप किया जाता है तथा उसके बाद उसकी रीड की हड्डी तोड़ दी जाती है और जीभ काट दी जाती है। इतना सब होने के बावजूद भी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती उल्टे उस बेटी के शव को लावारिसों में की तरह रात के अंधेरे में जला दिया जाता है। ऐसे में सरकार व प्रशासन की इस मानसिकता से देश की जनता बेहद नाराज है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह तानाशाही नीति ज्यादा नहीं चलने वाली। आने वाले चुनावों में जनता इसका डट कर जवाब लेगी।

इस अवसर पर जिला पार्षद तारीफ खुर्शीद तथा जिला पार्षद जान मोहम्मद ने भी भाजपा सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि देश के अन्नदाता के पेट पर लात मारना बहुत बुरी बात है। अगर देश का किसान दुखी होगा तो देश के लोग भी सुखी नहीं रह सकते। किसान देश का अन्नदाता है तथा उसके साथ पूरा न्याय होना चाहिए। वे किसान के साथ हर परिस्थिति में डट कर खड़े हैं।    

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