नगर परिषद ने अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम पर चस्पाया सीलिंग का नोटिस, 5 अक्तूबर की सुबह 10 बजे तक अस्पताल खाली करने के दिए आदेश
-नगर परिषद ने म्युनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 208ए के तहत कार्रवाई के लिए उठाया कदम -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा न्यायालय के आदेशों की अवमानना पर 12 अक्तूबर को अधिकारियों को किया हुआ है हाई कोर्ट में तलब
भिवानी, 30 सितंबर। नगर परिषद ने बुधवार को दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिग होम के अवैध भवन पर सीलिंग का नोटिस चस्पा दिया है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय यादव ने डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल को अवैध भवन निर्माण करने और उसके अंदर बिना अनुमति के अस्पताल का संचालन करने पर म्युनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 208ए के तहत अवैध भवन को सील किए जाने का आदेश जारी कर दिया है।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने दिनोद गेट पर डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल द्वारा अवैध भवन निर्माण और उसमें नियमों को ताक पर रखकर अस्पताल का संचालन किए जाने संबंधी याचिका 28 जून को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में डाली थी। जिस पर 3 जुलाई को चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने जिला उपायुक्त को चार सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। मगर निर्धारित अवधि में जिला प्रशासन व नगर परिषद ने केवल कागजी खानापूर्ति कर मामले को दबाने का प्रयास किया।
इस पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह ने फिर से न्यायालय में अवमानना का केस डाला। जिस पर हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए दो सप्ताह के अंदर अवैध भवन निर्माण में कार्रवाई कर अनुपालना रिपोर्ट तलब की थी और 12 अक्तूबर को मामले की सुनवाई निर्धारित कर दी। इसी मामले में हड़बड़ाए नगर परिषद अधिकारियों ने अब अंचल दंपति के दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के अवैध भवन के बाहर सीलिंग का नोटिस चस्पा दिया है और अस्पताल खाली करने के लिए 05 अक्तूबर सुबह 10 बजे तक का समय दिया है।
ये लिखा है नगर परिषद ने सीलिंग नोटिस में मजमून
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय यादव द्वारा जारी किए गए सीलिंग आदेश में स्पष्ट किया है कि डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल ने अवैध रूप से भवन का निर्माण कर इसमें बिना अनुमति के अस्पताल का संचालन किया। भवन का नक्शा 17 नवंबर 2017 को कमर्शियल बिल्डिंग प्लान के तहत पास कराया था। मगर भवन की जगह गलत तरीके से अस्पताल का संचालन किया गया। स्वीकृत नक्शे के अनुसार भवन का निर्माण नहीं हुआ और वास्तुकार को मौका मुआयना करने के लिए भी कोविड-19 सेंटर चलने के कारण नहीं घुसने दिया। जिसकी रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। इस मामले की एसडीएम द्वारा भी विस्तृत जांच की गई। जिसमें भी भवन निर्माण को पूरी तरह से अवैध ठहराया गया और इसमें अनियमितताएं दर्शायी गई। इस मामले में एसडीएम ने भी अवैध भवन निर्माण में विरुद्ध कार्यवाई के निर्देश दिए गए हैं। उपायुक्त द्वारा पारित निर्देशों के अनुसार म्यूनिसिवल एक्ट के तहत अंचल दंपति को जारी किए गए नोटिसों का भी कोई जवाब नहीं दिया गया। सीलिंग नोटिस में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि अंचल दंपति ने जनवरी 2019 में पुराने अस्पताल का नवीनीकरण की बात कही गई। मगर जांच में नगर परिषद ने अंचल दंपति के सभी दावों को सिरे से खारिज करते हुए सीलिंग के आदेश जारी किए गए हैं।