भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक आज का दिन हरियाणा में खास था, क्योंकि एक तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन, दूसरा बेरोजगारों का प्रदर्शन और सबसे अधिक किसान आंदोलन की आंच। इनके बीच आशा अनुरूप ही रहा मोदी के जन्मदिन का जोश कार्यकर्ताओं में दिखाई नहीं दिया। पार्टी के आदेश के अनुसार कार्यकर्ताओं ने दिखाने के लिए मोदी और खट्टर की तस्वीरों के थैले बांटने की औपचारिकता अवश्य पूरी की। कुछ समय के लिए थैले बांटे, फोटो खिंचाई, अखबारों में पहुंचाई और पार्टी के कर्तव्य की इतिश्री की। इधर दूसरी ओर युवाओं की ओर से बेरोजगारी दिवस के कार्यक्रम भी किए गए। उन युवाओं में जोश और दर्द, मजबूरी सब दिखाई दे रहे थे। अर्थात वह महज औपचारिकता निभाने के लिए कार्यक्रम नहीं कर रहे थे। उनका कहना था कि हम इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को चेताना चाहते हैं कि प्रदेश में बेरोजगारी की हद हो गई है। राजनीति छोड़ कर बेरोजगारी को कम कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की ओर से भी कार्य करेंगे। किसान अध्यादेश के बारे में कृषि मंत्री व जिनको मोदी का जन्मदिन मनाने से फुर्सत मिली, वे भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता अध्यादेश की बड़ाइयां गिनाने में लगे रहे और भाजपा से समर्थित बने किसान नेता भी इस अध्यादेश को किसान हित में बताते रहे लेकिन अधिकांश किसान इस अध्यादेश को अपने हित में नहीं मानते। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार मोदी के बनाए कानून को गलत तो कह ही नहीं सकती, वह अब इस तर्ज पर किसानों को बहलाना चाहती है कि पंचों की बात सिर माथे पर पतनाला यहीं गिरेगा। Post navigation युवा रहें ललकार, हमको दो रोजगार, मोदी का जन्म दिन या दिवस बेरोजगार लोकप्रियता सरकार की घटी या मुख्यमंत्री की?