भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

आज गुरुग्राम में प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से मिलने औपचारिकता निभाई। स्मरण रहे कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के पश्चात प्रथम बार गुरुग्राम आगमन हुआ है।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने दो बैठकें अन्य भी ली हैं, उसकी उन द्वारा आई विज्ञप्ति बराबर में लगी है। हां, पत्रकारों से मिलने की औपचारिकता उन्होंने लोक निर्माण विभाग की कैंटीन में निभाई। उसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के जन्मदिन के कार्यक्रम के बारे में बताया। फिर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि कुछ हरियाणा के बारे में भी बोलो कि क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा कि यह सभी कार्यक्रम हरियाणा में ही होने हैं।

एक पत्रकार का प्रश्न था कि आपकी चुनावी प्रक्रिया कब तक संपूर्ण होगी? इसके उत्तर में उन्होंने बताया कि सभी नियुक्तियां सितंबर माह में कर दी जाएंगी। मंडल स्तर से प्रदेश स्तर तक पूरा संगठन संगठित हो जाएगा।

एक पत्रकार ने प्रश्न पूछा अरावली के बारे में तो उस पर उत्तर मिला कि हमारे सब संज्ञान में है और जो कुछ हो रहा है, हम देख रहे हैं और कार्यवाही हो रही है।

एक अन्य ने पूछा कि आपके मंत्री और एसपी के विवाद के बारे में क्या कर रहे हैं तो उनका उत्तर था कि देखते रहिए समय बताएगा।

इस पर वह उठकर चलने लगे। प्रेस वार्ता को सहजता से चलाने के लिए उनका सहयोग सूरजपाल अम्मू कर रहे थे। तो अम्मू जी ने सभी को भोजन के लिए निमंत्रित कर दिया।

इस पर मैंने बहुत प्रार्थना कर एक प्रश्न पूछने की इजाजत मांगी। मैंने पूछा कि प्रदेश में सरकार किसकी है तो उनका उत्तर था कि भाजपा-जजपा की। इस पर पूछा कि उप मुख्यमंत्री का पद क्या संवैधानिक होता है तो उन्होंने कहा नहीं। मैंने पूछा कि आपके मंत्रियों में संसदीय कार्य मंत्री भी हैं उन्होंने मुस्कुराकर कहा कि हां हैं तो इस पर आगे पूछा कि आजकल सारे प्रदेश में चर्चा हो रही है कि दुष्यंत चौटाला ने भाजपा को हाईजैक कर लिया है, क्योंकि 26 तारीख को विधानसभा सत्र में सदन के नेता की भूमिका दुष्यंत चौटाला ने निभाई, जबकि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में यह कार्य संसदीय कार्य मेंत्री का बनता है, जिस पर उत्तर मिला कि चलिए आइए भोजन करते हैं।

इससे लगता है कि जो चर्चाएं चल रही हैं, उनमें कहीं कुछ सच्चाई है। नहीं तो प्रदेश अध्यक्ष इस पर अपना स्पष्टीकरण अवश्य देते।

अब प्रदेश अध्यक्ष जिले में आए तो सभी कार्यकर्ताओं में उनसे मिलने की आकांक्षाएं बलवती हो जाती हैं लेकिन यहां आज उनके आने पर सभी कार्यकर्ताओं का मिलना तो असंभव ही था लेकिन अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की अनुपस्थिति यह दर्शा रही थी कि गुरुग्राम भाजपा में जिला प्रधान बनने के बाद भी कुछ सुधरने की बजाए भाजपा में अलगाव बढ़ता ही जा रहा है। उनका स्वागत करते हुए भाजपाइयों की तस्वीर अपने आप सबकुछ वर्णित कर देगी।

भाजपा कार्यकर्ताओं में दबी-छुपी चर्चाएं चलने लगी हैं कि जिस प्रकार नए-नए प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो दिखाई दे रहा था कि अब भाजपा में कुछ सुधार आएगा परंतु पहले तो जिला अध्यक्ष तय करने में इतना समय लगाया और फिर जब जिला अध्यक्ष तय किए थे तो ध्यान आया था कि एक सप्ताह में प्रदेश कार्यकारिणी भी बन जाएगी। एक सप्ताह की तो बात छोड़ो दो सप्ताह बाद कह रहे हैं कि अब मुझे एक माह का समय चाहिए। यहां आकर संगठन के चंद लोगों से मिल वरिष्ठ को अनदेखा कर निकल जाना अपने आपमें बहुत कुछ कह जाता है।

भाजपा के मंडल अध्यक्ष का कहना था कि कि भाजपा में कार्यकर्ता को गुलाम समझा जाता है। हाईकमान से आदेश आते हैं, जिला अध्यक्ष वह आदेश कार्यकर्ता को दे देता है, उन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी कार्यकर्ता की होती है, कभी मिलना नहीं, कभी कार्यक्रमों में क्या परेशानियों हैं और उनमें सहयोग देने की बात नहीं। अब तो स्थिति यह हो गई है कि पुराने चलते आ रहे कार्यकर्ता भी निष्क्रिय नजर आते हैं। जब कभी उन्हें कार्यक्रम के लिए बुलाया जाता है तो कोई न कोई बहाना, घर के काम का, तबियत नासाज होने का, परिवार में परेशानी होने का आदि-आदि बहाना कर कन्नी काट जाते हैं। देखना होगा कि ऐसा ही चलेगा या नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हमारी परेशानियों को समझ उन पर ध्यान दे ब्यानों में नहीं अपितु वास्तव में कार्यकर्ता का सम्मान करें, तभी भाजपा का गिरता ग्राफ शायद थम सकता है।

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